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उत्तराखंड के सभी विवि और कॉलेजों में नए सत्र से लागू हो गई नई शिक्षा नीति

New education policy शासन की ओर से नई शिक्षा नीति को लेकर विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को शैक्षणिक कैलेंडर तैयार कर इसी सत्र से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा राज्य स्तरीय समिति ने च्वाइस बेस क्रेडिट सिस्टम के लिए पाठ्यक्रम को अंतिम रूप दे दिया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Fri, 27 May 2022 07:14 AM (IST)Updated: Fri, 27 May 2022 07:14 AM (IST)
उत्तराखंड के सभी विवि और कॉलेजों में नए सत्र से लागू हो गई नई शिक्षा नीति

जागरण संवाददात, हल्द्वानी : उत्तराखंड के सभी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2022-2023 से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू हो जाएगी। इसके अंतर्गत बड़ी बात यह है कि स्नातक दूसरे और तीसरे वर्ष में विद्यार्थी अपने संकाय के अलावा दूसरे संकाय के विषय भी पढ़ सकेंगे। यानी कि अपने संकाय के दो विषय चुनने होंगे और तीसरे के लिए अन्य संकाय से चयन की छूट रहेगी।

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शासन की ओर से नई शिक्षा नीति को लेकर विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को शैक्षणिक कैलेंडर तैयार कर इसी सत्र से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा राज्य स्तरीय समिति ने च्वाइस बेस क्रेडिट सिस्टम के लिए पाठ्यक्रम को अंतिम रूप दे दिया है। इसके तहत स्नातक में मुख्य विषय के साथ माइनर इलेक्टिव पेपर की स्थिति स्पष्ट की गई है।

विद्यार्थी को प्रवेश के समय एक संकाय (कला, विज्ञान, वाणिज्य आदि) का चुनाव कर दो ऐसे मुख्य विषय लेने होंगे, जिसका अध्ययन वह तीन वर्ष (छह सेमेस्टर) तक कर सकता है। जबकि दूसरे और तीसरे वर्ष में तीसरे मुख्य विषय का चुनाव किसी भी संकाय से कर सकता है। इसका मतलब यह है कि अब विद्यार्थी पहले साल इतिहास तो दूसरे वर्ष गणित भी पढ़ सकता है।

निदेशक उच्च शिक्षा उत्तराखंड डा. संदीप कुमार शर्मा ने बताया कि नई शिक्षा नीति में स्नातक पाठ्यक्रमों के पैटर्न में व्यापक बदलाव होगा। विद्यार्थी द्वितीय व तृतीय वर्ष में मुख्य विषय या उनका क्रम बदल सकेंगे। कौशल विकास विषय और आनलाइन कोर्स भी पाठ्यक्रम में शामिल होंगे।

एक वर्ष के बाद होगा बदलाव

छात्र को विश्वविद्यालय/महाविद्यालयों में विषयों की उपलब्धता के आधार पर विषय बदलने की सुविधा होगी। इसके लिए शर्त होगी कि वह एक वर्ष के बाद ही विषय बदल सकेगा, एक सेमेस्टर के बाद नहीं। माइनर इलेक्टिव कोर्स किसी भी विषय का पेपर होगा, न कि पूर्ण विषय।


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