Move to Jagran APP

चालबाज चीन की हरकत जांचने हुमला पहुंचा नेपाली दल, यूएनओ में भी उठा सकता मामला

सितंबर 2020 में सुदूर पश्चिमी जिला हुमला के नामखा ग्राम नगर पालिका-6 के लोलुंगजोंग में चीन द्वारा हुए अतिक्रमण की जांच के लिए गृह मंत्रालय के सहसचिव जयनारायण आचार्य के नेतृत्व में सात सदस्यीय दल का गठन कर शनिवार को हुमला जिला मुख्यालय सिमकोट रवाना किया।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Mon, 13 Sep 2021 09:45 AM (IST)Updated: Mon, 13 Sep 2021 09:45 AM (IST)
चालबाज चीन की हरकत जांचने हुमला पहुंचा नेपाली दल, यूएनओ में भी उठा सकता मामला

अभिषेक राज, हल्द्वानी : केपी शर्मा ओली के प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद नेपाल की नई देउबा सरकार ने चीन की विस्तारवादी नीति पर रुख स्पष्ट करना शुरू कर दिया है। सितंबर 2020 में सुदूर पश्चिमी जिला हुमला के नामखा ग्राम नगर पालिका-6 के लोलुंगजोंग में चीन द्वारा हुए अतिक्रमण की जांच के लिए गृह मंत्रालय के सहसचिव जयनारायण आचार्य के नेतृत्व में सात सदस्यीय दल का गठन कर शनिवार को हुमला जिला मुख्यालय सिमकोट रवाना किया।

loksabha election banner

रविवार को दल ने सीमांकन के साथ ही पुराने पिलरों का भी निरीक्षण किया। अब रिपोर्ट तैयार कर गृह मंत्रालय को सौंपी जाएगी, जिसे सरकार सदन में प्रस्तुत कर चीन को सीमा के बाहर खदेडऩे की आगामी रणनीति बनाएगी। जरूरत पड़ी तो नेपाल मामला यूएनओ में भी उठा सकता है।

सितंबर 2020 में सामने आया मामला

सितंबर 2020 में चीनी सेना ने नेपाल के हुमला जिले के दो किलोमीटर भीतर तक दाखिल होकर स्थायी निर्माण कर लिया। दोनों देशों के बीच सीमांकन के लिए लगाए गए पिलर भी क्षतिग्रस्त कर दिए। हुमला जिला प्रशासन के सर्वे में मामला सामने आने पर तत्कालीन केपी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली सरकार ने अतिक्रमण को सिरे से ही खारिज कर दिया।

नेपाली दल पर हो चुका है हमला

10 अक्टूबर 2020 को सीमांकन के लिए पहुंची नेपाली टीम पर चीनी सैनिकों ने आंसू गैस के गोले दागे। इसमें नेपाल सशस्त्र बल के करीब छह जवान घायल हो गए थे। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार मामला बढ़ा तो नेपाल ने पहली बार चीनी सीमा पर बीओपी की तैयारी शुरू कर दी।

सरकार बदलते ही बदले हालात

चीन समर्थित पूर्व नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की विदाई के बाद 13 जुलाई 2021 को नेपाल में शेर बहादुर देउबा के नेतृत्व में नई सरकार का गठन होने के बाद से ही हालात बदलने लगे। चीन की चालबाजी के खिलाफ सरकार ने पहल शुरू कर दी। प्रधानमंत्री ने गृह मंत्रालय के सहसचिव के नेतृत्व में दल का गठन कर हुमला में हुए चीनी अतिक्रमण की जांच के साथ नए सिरे से सीमांकन का भी निर्देश दिया।

अभी यह स्थिति

सुदूर पश्चिम नेपाल के हुमला जिले से लगी चीन सीमा पर पहले 15 पिलर लगे थे। लेकिन दल को वहां मात्र 10 ही पिलर मिले। ऐसे में पांच पिलर को क्षतिग्रस्त कर घुसपैठ की बात सामने आ रही है। प्रमुख जिला अधिकारी हुमला गणेश आचार्य ने बताया कि विशेष दल ने चीन से लगी सीमा का निरीक्षण किया है। रिपोर्ट तैयार कर गृह मंत्रालय को सौंपी जाएगी। इस संबंध में सरकार ही फैसला ले सकती है। पूर्व उप प्रधानमंत्री नेपाल उपेंद्र यादव का कहना है कि नेपाल अपनी सीमा की रक्षा करने में सक्षम है। राष्ट्र के स्वाभिमान के साथ हम किसी से भी समझौता नहीं करने वाले। भले ही वह चीन ही क्यों न हो। विशेष दल की रिपोर्ट में अगर घुसपैठ की बात सामने आती है तो सरकार करारा जवाब देगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.