नैनीताल जिले की आठ तहसीलों में आय प्रमाण पत्र के तकरीबन 1200 से ज्यादा आवेदन लंबित
सरकारी योजनाओं के आवेदन पत्र भरने का सीजन शुरू होने वाला है लेकिन आय प्रमाण पत्र न मिलने के कारण पात्रता की शर्तें पूरी करने वाले अभ्यार्थी आवेदन नहीं कर पा रहे हैं
हल्द्वानी, जेएनएन : एक अप्रैल से नया वित्तीय वर्ष आरंभ हो चुका है। ऐसे में समाज कल्याण, महिला कल्याण सहित तमाम सरकारी योजनाओं के आवेदन पत्र भरने का सीजन शुरू होने वाला है, लेकिन आय प्रमाण पत्र न मिलने के कारण पात्रता की शर्तें पूरी करने वाले अभ्यार्थी आवेदन नहीं कर पा रहे हैं, जिससे लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अकेले नैनीताल जिले की आठ तहसीलों में ही आय प्रमाण पत्र के तकरीबन 1200 से ज्यादा आवेदन लंबित हो गए हैं, जबकि दाखिल खारिज के आवेदन स्वीकार ही नहीं किए जा रहे हैं।
क्या है मामला
दाखिल खारिज व आय प्रमाण पत्र को लेकर एसआइटी की ओर से दर्ज मुकदमे और समाज कल्याण विभाग में हुए छात्रवृत्ति घोटाले की जांच में तहसील से प्रमाण पत्र संबंधी दस्तावेज मांगे गए थे। इसके विरोध में उत्तराखंड लेखपाल संघ ने चार फरवरी से ही प्रमाण पत्र व दाखिल खारिज जारी करने का बहिष्कार किया हुआ है। इसके चलते लोगों को तहसीलों में यह सुविधा नहीं मिल पा रही। उत्तराखंड लेखपाल संघ के बैनर तले देहरादून, नैनीताल, ऊधमसिंहनगर, हरिद्वार व चंपावत जिले में कार्यरत सभी लेखपाल कार्य बहिष्कार पर हैं।
ऐसे शुरू हुआ लेखपालों का आंदोलन
जनवरी 2019 में कालाढूंगी तहसील में भूमि विवाद में एसआइटी ने लेखपाल गुलहसन व अनुसेवक जीवन चंद्र जोशी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। तब लेखपाल संघ ने राजस्व कार्यों में दखल देने के विरोध में दो दिवसीय कार्य बहिष्कार कर जांच की मांग की थी, लेकिन मांग नहीं मानी गई, जिसके बाद लेखपालों ने चार फरवरी से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया। शासन स्तर पर कई दौर की वार्ता के बाद भी मामले का हल नहीं निकला, जिसके चलते लेखपालों का कार्य बहिष्कार जारी है। मार्च में लेखपाल गुलहसन की मौत हो चुकी है, लेकिन इसके बाद भी मामला जहां का तहां अटका हुआ है।
यहां जरूरी है आय प्रमाण पत्र
समाज कल्याण विभाग की छात्रवृत्ति, पेंशन सहित तमाम योजनाओं में आय प्रमाण पत्र की आवश्यकता पड़ती है। इसके अलावा बाल विकास व महिला कल्याण विभाग की नंदा गौरा योजना, मातृ वंदना योजना के लिए आय प्रमाण पत्र जरूरी है। स्कूलों में आरटीई के दाखिलों और शिक्षण संस्थाओं में शुल्क में छूट पाने के लिए भी छात्रों को आय प्रमाण पत्र की आवश्यकता पड़ती है, लेकिन तहसीलों के चक्कर काटने के बाद भी लोगों को प्रमाण पत्र नहीं मिल पा रहे।
हम वार्ता के लिए तैयार हैं
तारा दत्त घिल्डियाल, प्रदेश अध्यक्ष, उत्तराखंड लेखपाल संघ ने बताया कि हम वार्ता के लिए तैयार हैं। शासन को चाहिए कि संगठन को जल्द ही वार्ता के लिए बुलाए। हम नहीं चाहते कि लोगों को दिक्कतें हों, लेकिन हमारी समस्याओं का समाधान भी जरूरी है।