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    एनडी तिवारी की तबीयत बिगड़ी, बृजलाल अस्पताल में भर्ती

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Sun, 15 Jan 2017 06:50 AM (IST)

    यूपी और उत्‍तराखंड के पूर्व सीएम एनडी तिवारी की तबीयत खराब हो गई। अचानक उल्‍टी करने की वजह से उन्‍हें हल्‍द्वानी में बृजलाल अस्पताल में भर्ती कराया गय ...और पढ़ें

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    एनडी तिवारी की तबीयत बिगड़ी, बृजलाल अस्पताल में भर्ती

    हल्द्वानी, [जेएनएन]: उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी की अचानक तबीयत बिगड़ गई। उल्टी के बाद बेहोश होने पर उन्हें चिकित्सालय में भर्ती कराया गया।

    नैनीताल जनपद के हल्द्वानी स्थित गोरापड़ाव में रह रहे 91 वर्षीय एनडी तिवारी सुबह साढ़े आठ बजे उल्टी करने लगे। डॉ. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. विवेकानंद सत्यवली ने जांच कर दवाई दी और ब्लड टेस्ट व अन्य परीक्षण की सलाह दी।

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    इसके बाद पत्नी उज्ज्वला तिवारी, बेटा रोहित शेखर व परिजन मनीष दुम्का ने एनडी तिवारी को लेकर बृजलाल अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल के निदेशक डॉ. अजय पाल ने बताया कि इमरजेंसी में भर्ती करने के बाद डॉक्टरों की टीम ने एनडी का स्वास्थ्य परीक्षण किया।

    ब्रेन की सीटी एंजियोग्राफी के अलावा ईको व कैरोटिक एंजियोग्राफी की गई। सभी जांचें नॉर्मल थी। सुबह घर में बेहोशी छाने का कारण ट्रांसिएंट इस्केमिक अटैक हो सकता है। इसका कारण होता है कि ब्रेन की छोटी नसों में ब्लाक पास हुआ हो।

    इस दृष्टि से एनडी तिवारी की 48 घंटे बाद फिर जांच की जाएगी। इसलिए एहतियात के तौर पर एनडी को भर्ती किया गया है। उन्हें डायबिटिक हाइपरटेंशन व हाइपोथायराइड की बीमारी है। इसकी दवाइयां पहले की तरह चल रही हैं।

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    उप्र के सीएम ने दिया इलाज का भरोसा

    उत्तर प्रदेश के सीएम अखिलेश यादव ने फोन कर एनडी तिवारी का हालचाल जाना। विज्ञप्ति के हवाले से कहा गया है कि अखिलेश ने जरूरत पड़ने पर एयरलिफ्ट एंबुलेंस की व्यवस्था का आश्वासन दिया है।

    व्यक्तिगत जीवन

    -नारायण दत्त तिवारी का जन्म 1925 में नैनीताल जिले के बलूती गांव में हुआ।

    -तिवारी के पिता पूर्णानंद तिवारी वन विभाग में अधिकारी थे।

    -नारायण दत्त तिवारी शुरुआती शिक्षा हल्द्वानी, बरेली और नैनीताल में हुई।

    -तिवारी ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से राजनीतिशास्त्र में एमए किया। उन्होंने एमए की परीक्षा में विश्वविद्याल में टाप किया था। बाद में उन्होंने इसी विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री भी हासिल की।

    -1942 में वह ब्रिटिश सरकार की साम्राज्यवादी नीतियों के खिलाफ नारे वाले पोस्टर और पंपलेट छापने और उसमें सहयोग के आरोप में पकड़े गए। उन्हें गिरफ्तार कर नैनीताल जेल में डाल दिया गया। 15 महीने की जेल काटने के बाद वह 1944 में आजाद हुआ।

    -1947 में आजादी के साल ही वह इस विश्वविद्यालय में छात्र यूनियन के अध्यक्ष चुने गए। यह उनके सियासी जीवन की पहली सीढ़ी थी।

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    -आजादी के बाद 1950 में उत्तर प्रदेश के गठन और 1951-52 में प्रदेश के पहले विधानसभा चुनाव में तिवारी ने नैनीताल (उत्तर) सीट से सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर हिस्सा लिया। कांग्रेस की हवा के बावजूद वे चुनाव जीत गए और पहली विधानसभा के सदस्य के तौर पर सदन में पहुंच गए।

    -1954 में एनडी तिवारी का विवाह सुशीला सनवाल से हुआ। वर्ष 1993 में उनके पत्नी का निधन हो गया। वर्ष 2014 में एनडी ने उज्ज्वला शर्मा से किया।

    -कांग्रेस के साथ तिवारी का रिश्ता 1963 से शुरू हुआ। 1965 में वह कांग्रेस के टिकट पर काशीपुर विधानसभा क्षेत्र से चुने गए और पहली बार मंत्रिपरिषद में उन्हें जगह मिली। कांग्रेस के साथ उनकी पारी कई साल चली।

    -1968 में जवाहरलाल नेहरू युवा केंद्र की स्थापना के पीछे उनका बड़ा योगदान था। 1969 से 1971 तक वे कांग्रेस की युवा संगठन के अध्यक्ष रहे।

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    -एक जनवरी 1976 को वह पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। यह कार्यकाल बेहद संक्षिप्त था। 1977 के जयप्रकाश आंदोलन की वजह से 30 अप्रैल को उनकी सरकार को इस्तीफा देना पड़ा।

    -तिवारी तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। वह अकेले राजनेता हैं जो दो राज्यों के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।

    -उत्तर प्रदेश के विभाजन के बाद वे उत्तरांचल के भी मुख्यमंत्री बने।

    -तिवारी आंध्रप्रदेश के राज्यपाल बनाए गए लेकिन यहां उनका कार्यकाल बेहद विवादास्पद रहा।

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