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पद्म श्री अवार्ड के लिए भेजा गया रीता गहतोड़ी का नाम, जानिए इनके बारे में सबकुछ

देश के प्रतिष्ठित पद्मश्री पुरस्कार के लिए प्रशासन ने आखिरकार पहली बार चंपावत जिले से किसी महिला का नाम नामांकित कर गृह मंत्रालय को भेजा गया है। यह नाम सामाजिक कार्यों में प्रतिबद्ध रहने वाली व तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित रीता गहतोड़ी है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Fri, 17 Sep 2021 06:01 AM (IST)Updated: Fri, 17 Sep 2021 06:01 AM (IST)
पद्म श्री अवार्ड के लिए भेजा गया रीता गहतोड़ी का नाम, जानिए इनके बारे में सबकुछ
पद्म श्री अवार्ड के लिए भेजा गया रीता गहतोड़ी का नाम, जानिए इनके बारे में सबकुछ

विनय कुमार शर्मा, चम्पावत : देश के प्रतिष्ठित पद्मश्री पुरस्कार के लिए प्रशासन ने आखिरकार पहली बार चंपावत जिले से किसी महिला का नाम नामांकित कर गृह मंत्रालय को भेजा गया है। यह नाम सामाजिक कार्यों में प्रतिबद्ध रहने वाली व तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित रीता गहतोड़ी है। 27 मई को गृह मंत्रालय ने सभी प्रदेशों से इसके लिए चिन्हित लोगों की सूची मांगी थी। रीता सर्वप्रथम 2008 में एक अफगानिस्तानी महिला शाबरा को न्याय दिलाने में मदद करने के बाद सुर्खियों में आई थीं।

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मूल रूप से लोहाघाट के चांदमारी की रहने वाली रीता गहतोड़ी दूसरी बार उस समय सुर्खियों में आईं थीं जब उन्होंने वर्ष 2012 में सामाजिक वर्जनाएं तोड़ते हुए अपने स्व. पिता हीरा बल्लभ गहतोड़ी की अर्थी को कंधा देकर उन्हें मुखाग्नि दी थी। वर्ष 2008 में उन्होंने शादी के बाद न्याय पाने के लिए पिथौरागढ़ पहुंची अफगान महिला शाबरा की मदद कर उन्हें मेंटिनेंस दिलाने की लंबी लड़ाई लड़ी और उसका हक दिलाया। समाज में व्याप्त कुरीतियों के खिलाफ 14 साल की उम्र से ही उन्होंने संघर्ष शुरू कर दिया। वाल्मीकि समाज के लोगों के उत्थान के लिए वे अभी भी काम कर रही हैं। सामाजिक क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए उन्हें वर्ष 2013 में तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वर्ष 2014 में महिला समाख्या की ओर से उन्हें सम्मानित किया गया।

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान में उनकी सक्रिय भागीदारी को देखते हुए बाल विकास विभाग चम्पावत में उन्हें अपना ब्रांड अंबेसडर बनाया। कोरोना काल में भी रीता गहतोड़ी ने अपनी जान की परवाह किए बिना प्रवासियों की मदद की। पिछले वर्ष चम्पावत पुलिस ने उन्हें कोरोना वॉरियर्स का सम्मान दिया था। वर्तमान में वे किशोर न्याय बोर्ड और कोविड टास्क फोर्स की सदस्य भी हैं। ह्यूमन ट्रेफिंकिंग रोकने और महिलाओं के साथ होने वाले अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद करना उनका पहला काम है। जिलाधिकारी विनीत तोमर ने बताया कि पद्म श्री पुरस्कार के लिए जनपद से पहली बार रीता गहतोड़ी का नाम भेजा गया है। उनके आवेदन करने पर जांच कराने के बाद नाम गृह मंत्रालय को भेजा गया है। अगर उन्हें पद्म श्री मिलता है तो यह जिले के लिए बड़ी उपलब्धि होगी। प्रति वर्ष यह सूचना शून्य में जाती थी।

200 से अधिक शव यात्राओं में हो चुकी हैं शामिल

रीता गहतोड़ी अपने पिता के साथ अब तक 250 लोगों की शव यात्रा में शामिल हो चुकी हैं। चिता के अंतिम क्रिया कर्म तक वे परिवारजनों के साथ अंतिम समय तक रुकती हैं। छह से अधिक शहीद जवानों की शव यात्रा में भी वे शामिल हो चुकी हैं। इसके अलावा गरीब परिवारों को अंतिम संस्कार में मदद भी करती हैं।

प्रति वर्ष मांगे जाते हैं आवेदन, इस बार भेजा गया नाम

26 जनवरी को दिए जाने वाले पद्म पुरस्कारों के लिए गृह मंत्रालय से प्रति वर्ष आवेदन मांगे जाते हैं। मगर किसी के द्वारा आवेदन न किए जाने से सूचना शून्य में भेज दी जाती थी। मगर इस बार रीता गहतोड़ी ने पद्म श्री पुरस्कार के लिए आवेदन किया। जिस पर डीएम ने पुलिस व स्थानीय प्रशासन से जांच कराई। जांच में सही पाए जाने के बाद उनका आवेदन प्रशासन द्वारा संस्तुति करते हुए गृह मंत्रालय को भेज दिया गया।


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