Nainital में बड़े खतरे के संकेत, माल रोड पर बढ़ रही दरारें, इस वजह से हुईं और चौड़ी
Nainital News 2018 में लोअर मालरोड का करीब 25 मीटर हिस्सा टूटकर नैनीझील में समा गया था। अब सरोवर नगरी नैनीताल की लोअर मालरोड पर लगातार बढ़ रही दरारों के बाद अब अपर माल रोड की दरारें भी खतरे के संकेत दे रही हैं।
जागरण संवाददाता, नैनीताल: Nainital News: सरोवर नगरी नैनीताल की लोअर मालरोड पर लगातार बढ़ रही दरारों के बाद अब अपर माल रोड की दरारें भी खतरे के संकेत दे रही हैं।
पर्यटन सीजन के दौरान दोनों सड़कों पर वाहनों का दबाव रहेगा। ऐसे में यदि समय रहते माल रोड का स्थायी ट्रीटमेंट नहीं किया गया तो समस्या गंभीर हो सकती है।
टूटकर नैनीझील में समा गया था मालरोड का 25 मीटर हिस्सा
2018 में लोअर मालरोड का करीब 25 मीटर हिस्सा टूटकर नैनीझील में समा गया था। जिसका पांच साल बाद भी स्थायी उपचार नहीं हो पाया है। इधर, भूमिगत जल का प्रवाह बढ़ने से अपर माल रोड में भी दरारें उभर आई हैं। जो इन दिनों वाहनों का दबाव बढ़ने से चौड़ी होने लगी हैं।
शनिवार को लोक निर्माण विभाग के कर्मचारियों ने माल रोड की दरारों का कोलतार और रेत से अस्थायी उपचार किया।
अधिशासी अभियंता दीपक गुप्ता ने बताया कि अपर और लोअर माल रोड में कई स्थानों पर दरारें बन गई हैं। जिसके स्थायी उपचार का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा जा रहा है। डीएम धीराज गर्ब्याल के अनुसार माल रोड के उपचार के लिए शासन स्तर से जल्द बजट जारी करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
थराली विधायक ने की प्रभावितों से मुलाकात
वहीं थराली विधायक और जोशीमठ आपदा में पुनर्वास और विस्थापन के लिए बनी हाई पावर कमेटी के सदस्य भूपाल राम टम्टा ने आपदा पीड़ितों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनी। साथ ही निस्तारण का भरोसा भी दिलाया।
सरकार की ओर से जोशीमठ आपदा प्रभावितों के पुनर्वास को लेकर तपोवन के पास ढाक गांव में एनटीपीसी की भूमि पर प्री-फेब्रिकेटेड शेल्टर बनाने का कार्य चल रहा है। शनिवार को थराली विधायक भूपाल राम टम्टा ने ढाक गांव पहुंचकर प्री-फ्रेब्रिकेटेड शेल्टर के निर्माण का निरीक्षण किया।
उन्होंने बताया कि 15 दिनों में प्री-फ्रेब्रिकेटेड शेल्टर बनकर तैयार हो जाएंगे। साथ ही जोशीमठ के पास उद्यान विभाग की भूमि पर माडल प्री फ्रेब्रिकेटेड शेल्टर निर्माण का कार्य अंतिम चरण में है। इस दौरान उन्होंने नृसिंह मंदिर क्षेत्र और सिंहधार वार्ड में बनाए गए आपदा राहत शिविरों में जाकर आपदा पीड़ितों का हालचाल जाना। साथ ही जल्द पुनर्वास का भरोसा भी दिया।