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Nainital High Court: तहसीलदार के माफी मांगने पर हाई कोर्ट ने स्थगित किया निलंबन आदेश

जातिप्रमाण पत्र बनाने को लेकर लापरवाही व हाईकोर्ट के आदेश की गलत व्याख्या पर पीड़ित ने कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इस पर कोर्ट ने तहसीलदार के निलंबन का आदेश दिया था। तहसीलदार कोर्ट ने पेश होकर माफी मांगी इस पर कोर्ट ने निलंबन का आदेश वापस ले लिया।

By Prashant MishraEdited By: Published: Sat, 07 May 2022 05:29 PM (IST)Updated: Sat, 07 May 2022 05:29 PM (IST)
तहसीलदार ने कोर्ट को यह भी बताया कि याचिकाकर्ता को ओबीसी प्रमाण पत्र जारी कर दिया है।

जागरण संवाददाता, नैनीताल: हाई कोर्ट के आदेश की गलत व्याख्या करने के मामले में तहसीलदार काशीपुर पूनम पंत शनिवार को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश हुई। उन्होंने कोर्ट के समक्ष अपनी गलती स्वीकार करते हुए माफी मांगी। जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें सख्त हिदायत दी और पूर्व में डीएम को दिए निलंबित करने के निर्देश को स्थगित कर दिया। तहसीलदार ने कोर्ट को यह भी बताया कि याचिकाकर्ता को ओबीसी प्रमाण पत्र जारी कर दिया है।

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न्यायाधीश न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ में काशीपुर निवासी मो. इमरान की याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें कहा कि वह तेली समाज का व्यक्ति है। इस जाति को राज्य सरकार ने ओबीसी के रूप में मान्यता दी। उसने 1994 के अधिनियम के प्रविधान के मुताबिक ओबीसी प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था। जिसे तहसीलदार ने खारिज करते हुए कहा कि प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए उच्च न्यायालय से एक आदेश प्राप्त करना होगा। जैसा कि छह अगस्त 2021 को उसके बड़े भाई ने प्राप्त किया था। एकलपीठ ने तहसीलदार के इस आचरण को न्यायिक धारणा के विरुद्ध मानते हुए याचिकाकर्ता को ओबीसी प्रमाण पत्र जारी करने के निर्देश दिए थे।

हाई कोर्ट बार एसोसिएशन चुनाव कार्यक्रम जल्द घोषित होगा

नैनीताल : हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के चुनाव को लेकर हलचल होने लगी है। बार एसोसिएशन चुनाव प्रक्रिया निपटाने के लिए मुख्य  निर्वाचन अधिकारी की नियुक्ति 13 मई को होगी। उसके बाद ही कार्यक्रम की घोषणा की जाएगी। पिछले दिनों उत्तराखंड बार काउंसिल की ओर से हाई कोर्ट समेत जिला व तहसील बार एसोसिएशन को कार्यकाल पूरा होने पर चुनाव कराने के दिशा निर्देश जारी किए गए थे।

अब हाई कोर्ट में बार एसोसिएशन चुनाव को लेकर हलचल होने लगी है। अध्यक्ष, महासचिव,  वरिष्ठ उपाध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महिला उपाध्यक्ष समेत अन्य पदों के लिए संभावित दावेदारों ने अधिवक्ताओं को गोलबंद करना आरंभ कर दिया है। 


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