Move to Jagran APP

Nainital news : भारत सरकार के पर्यावरण सचिव को नैनीताल हाई कोर्ट का नोटिस

Nainital High court रामनगर के आमडंडा खत्ता के निवासियों को बिजली पेयजल और विद्यालय जैसी मूलभूत सुविधाएं दिलाये जाने के संबंध में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मामले में कोर्ट ने भारत सरकार के पर्यावरण सचिव को नोटिस जारी कर 22 जून तक जवाब पेश करने को कहा है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 19 May 2022 08:25 AM (IST)Updated: Thu, 19 May 2022 08:25 AM (IST)
रामनगर में खत्ता क्षेत्रवासियों को बुनियादी सुविधाएं नहीं मिलने का मामला, दो सप्ताह में मांगा जवाब

जागरण संवाददाता, नैनीताल। हाई कोर्ट ने रामनगर के आमडंडा खत्ता के निवासियों को बिजली, पेयजल और विद्यालय जैसी मूलभूत सुविधाएं दिलाये जाने के संबंध में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की।वत्सल फाउंडेशन की श्वेता मासीवाल की जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने भारत सरकार के पर्यावरण सचिव को नोटिस जारी कर 22 जून तक जवाब पेश करने को कहा है। अगली सुनवाई को 22 जून की तिथि नियत की है।

loksabha election banner

बुधवार को कॉर्बेट नेशनल पार्क व ऊर्जा निगम की तरफ से शपथपत्र पेश किए गए । ऊर्जा निगम ने कहा गया कि वह बिजली लगाने को तैयार है । जिसमे 14 पेड़ों की लापिंग होनी है , लेकिन सीटीआर अनुमति नहीं दे रहा है। सीटीआर की तरफ से कहा कि गया कि इसके लिए केंद्र सरकार से अनुमति लेनी होगी।

याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि उनको मूलभूत अधिकारों से वंचित किया जा रहा है । बिजली लाइन के लिए कोई पेड़ नहीं काटे जा रहे है। 14 पेड़ों को लोपिंग की जानी है। इसके लिए केंद्र सरकार की अनुमति लेनी आवश्यक नहीं है। अगर एक हेक्टयर में से 75 पेड़ कट रहे है, तो तब केंद्र सरकार सरकार की अनुमति लेनी पड़ती है।

याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि आमडंडा क्षेत्र में विद्युतीकरण को लेकर 2015 में धनराशि जारी हो गयी थी और संयुक्त निरीक्षण के अनुसार आमडंडा में विद्युतीकरण के लिए एक भी पेड़ नहीं काटा जाना है। इस मामले में अधिकारियों की हीलाहवाली के कारण 2015 से आज तक विद्युतीकरण नहीं हो पाया है। इसी तरह आमडंडा में पेयजल को लेकर भी वर्ष 2012 से आज तक कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है।

आमडंडा खत्ता के ग्रामीण बिजली पानी और शिक्षा के अभाव में कष्टमय जीवन जी रहे हैं और अधिकारियों द्वारा लगातार उनके अधिकारों की अनदेखी की जा रही है। जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि उन्हें जरूरी मूलभूत सुविधाएं दिलाई जाएं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.