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Nainital News : मां के हत्यारे की फांसी की सजा को हाईकोर्ट ने आजीवन कारावास में बदला

Nainital High Court हाई कोर्ट ने नैनीताल जिले में हल्द्वानी गौलापार क्षेत्र में मां की हत्या के सनसनीखेज मामले में दोषी सिद्ध बेटे डिगर सिंह को लोवर कोर्ट से मिली फांसी की सजा को उम्र कैद में बदल दिया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 26 May 2022 10:13 AM (IST)Updated: Thu, 26 May 2022 10:13 AM (IST)
Nainital News : मां के हत्यारे की फांसी की सजा को हाईकोर्ट ने आजीवन कारावास में बदला
Nainital News : मां के हत्यारे की फांसी की सजा को हाईकोर्ट ने आजीवन कारावास में बदला

नैनीताल, जागरण संवाददाता : हाई कोर्ट ने नैनीताल जिले में हल्द्वानी गौलापार क्षेत्र में मां की हत्या के सनसनीखेज मामले में दोषी सिद्ध बेटे डिगर सिंह को लोवर कोर्ट से मिली फांसी की सजा को उम्र कैद में बदल दिया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति एनएस धानिक की कोर्ट ने निचली अदालत से सुनाई फांसी की सजा के विरुद्ध अपील पर निर्णय सुरक्षित रख लिया था, 19 मई को निर्णय सुनाया, जो दो रोज पहले जारी हुआ है।

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प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश प्रीतू शर्मा की कोर्ट ने जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सुशील कुमार शर्मा की मजबूत पैरवी पर अभियुक्त को आईपीसी की धारा 302 के तहत फांसी की सजा और दस हजार जुर्माना और आईपीसी की धारा 307 के तहत आजीवन कारावास तथा पांच हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया था। निचली अदालत ने अपने आदेश की पुष्टि हेतु मामला उच्च न्यायालय भेजा था।

अभियुक्त के पिता शोभन सिंह ने सात अक्टूबर 2019 को चोरगलिया थाने में शिकायत दर्ज की थी, जिसमें कहा था कि उनके पुत्र डिगर सिंह का उनकी पत्नी जोमती देवी के साथ मामूली विवाद हो गया था। विवाद के चलते डिगर सिंह ने आक्रोश में आकर अपनी मां का कुल्हाड़ी हत्यार से गला धड़ से अलग कर नृशंस हत्या कर दी है। अभियुक्त ने बीच बचाव कर रहे पड़ोसी इंद्रजीत सिंह व अन्य पर भी कुल्हाड़ी से हमला कर बुरी तरह से घायल कर दिया था।

डीजीसी सुशील शर्मा के अनुसार सरकारी गवाह ने कोर्ट को बताया कि घटना के दिन सुबह 8:30 से 9 बजे आरोपी ने मां के एक हाथ से बाल पकड़कर दूसरे हाथ से उसकी गर्दन काट दी। हत्या और हमले में कुल्हाड़ी और दराती का इस्तेमाल किया। शोर मचाने के बाद बहु और पड़ोसी वहां पहुंच गए थे। इसके बाद आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। ट्रायल के दौरान अभियुक्त के पिता शोभन सिंह, भाभी नयना सहित कई अन्य लोगो ने आरोपी के विरुद्ध गवाही दी। इस मामले में उच्च न्यायालय की ओर से अभियुक्त की पैरवी के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद वशिष्ठ को न्याय मित्र नियुक्त किया गया था।


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