हैड़ाखान पहाड़ी के ट्रीटमेंट के लिए टीएचडीसी विशेषज्ञों से लेंगे मदद, आ शाम से खुल सकते हैं वैकल्पिक मार्ग
Kathgodam Hairakhan Road Closed भूस्खलन के कारण काठगोदाम से हैड़ाखान को जाने वाली सड़क बंद होने से दो सौ गांवों के लिए मुसीबत बनी हुई है। पहाड़ी पर भूस्खलन रोकने के लिए टिहरी हाइड्रो डेवलेपमेंट कारपोरेशन से मदद लेकर इसका सामाधान निकाला जाएगा।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : Kathgodam Hairakhan Road Closed : काठगोदाम से दो किमी आगे हैड़ाखान रोड पर हुए भारी भूस्खलन की वजह से इस सड़क को जल्द खोलना संभव नहीं है। 15 नवंबर को पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा आने की वजह से मार्ग अवरुद्ध हुआ था। इससे पूर्व भी यहां भूस्खलन होता रहता है।
ऐसे में टिहरी हाइड्रो डेवलेपमेंट कारपोरेशन (THDC) की मदद लेने की कवायद शुरू हो चुकी है। इसके विशेषज्ञों को टनल में भूस्खलन रोकने का अनुभव है। ऐसे में संस्थान के सुझाव काफी अहम होंगे। लोनिवि ने टीएचडीसी को इस बाबत पत्र भी भेजा है।
काठगोदाम से हैड़ाखान को जाने वाली सड़क रीठा साहिब तक के 200 गांवों के लिए काफी अहम है। काश्तकार इसी मार्ग से फल व सब्जी लेकर हल्द्वानी पहुंचते हैं। 15 नवंबर को यह सड़क पूरी तरह बंद हो गई। ऐसे में बीमार लोगों को अस्पताल पहुंचने के लिए भी लंबा सफर करना पड़ रहा है।
फिलहाल लोनिवि प्रांतीय खंड वैकल्पिक मार्ग के तौर पर सालों पहले से बंद पड़े विजयपुर-ओखलढूंगा और रौशिल-जमरानी मार्ग को खुलवाने में जुटा है। दोनों जगहों पर मशीनों से रास्ते पर जमा मलबा हटाया जा रहा है।
डीएम धीराज सिंह गब्र्याल के अनुसार हैड़ाखान में भूस्खलन वाली पहाड़ी का भूगर्भीय अध्ययन करने पर पता चला कि सड़क को जल्द खोलना मुश्किल है। यहां स्थायी ट्रीटमेंट की जरूरत है। वहीं, ईई लोनिवि प्रांतीय खंड नैनीताल दीपक गुप्ता का कहना है कि प्रयास है कि टीएचडीसी के एक्सपर्ट से पहाड़ी का सर्वे कराया जाए। टिहरी डैम इसी संस्थान ने बनाया था।
आज शाम खुल सकते हैं वैकल्पिक मार्ग
काठगोदाम-हैड़ाखान मार्ग में मलबा आने की वजह से जल्द सड़क को सुचारु करना आसान नहीं है। ऐसे में लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय विधायक राम सिंह कैड़ा ने कहा कि जनता की दिक्कतों को दूर करना उनका प्राथमिकता है।
इस सड़क के स्थायी उपचार के लिए वह अपनी एक साल की विधायक निधि का पैसा देने को तैयार है। विधायक ने कहा कि पूरी उम्मीद है कि शुक्रवार शाम तक रौशिल-जमरानी यानी वैकल्पिक मार्ग छोटे वाहनों के लिए तैयार हो जाएगा। ग्रामीणों व लोनिवि अधिकारियों से वह लगातार संपर्क में है।