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नगरपालिका ने कब्जे में ली नैनीताल लेक ब्रिज चुंगी और पार्किंग, जांच रिपोर्ट में मिली थी गड़बड़ी

नगरपालिका ने लेक ब्रिज चुंगी तथा डीएसए मैदान व अन्य पार्किंग पर कब्जा लेते हुए संचालन भी शुरू कर दिया है। इसमें 30 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 15 Oct 2019 09:07 AM (IST)Updated: Tue, 15 Oct 2019 09:07 AM (IST)
नगरपालिका ने कब्जे में ली नैनीताल लेक ब्रिज चुंगी और पार्किंग, जांच रिपोर्ट में मिली थी गड़बड़ी
नगरपालिका ने कब्जे में ली नैनीताल लेक ब्रिज चुंगी और पार्किंग, जांच रिपोर्ट में मिली थी गड़बड़ी

नैनीताल, जेएनएन : नगरपालिका ने लेक ब्रिज चुंगी तथा डीएसए मैदान व अन्य पार्किंग पर कब्जा लेते हुए संचालन भी शुरू कर दिया है। इसमें 30 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। डीएम की ओर से कराई गई जांच में गड़बड़ी की पुष्टिï हुई थी। जिसके बाद डीएम ने ठेका निरस्त कर व इसकी संस्तुति शहरी विकास निदेशालय को भेजी थी। अब नगरपालिका ने ठेकेदारों की धरोहर राशि जब्त करने की तैयारी कर ली है। वहीं पालिका की इस कार्रवाई के खिलाफ ठेकेदार हाई कोर्ट पहुंच गए हैं।

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शहर निवासी गृह मंत्रालय के रिटायर अफसर अरुण कुमार साह की शिकायत पर डीएम सविन बंसल द्वारा एडीएम की अध्यक्षता में जांच कमेटी का गठन किया गया। पिछले दिनों कमेटी ने जांच पूरी कर रिपोर्ट डीएम को सौंप दी। कमेटी ने जांच में पाया कि चुंगी ठेकेदार द्वारा तय शर्तों का उल्लंघन किया गया। डीएम का आदेश मिलने के बाद सोमवार को पालिका के ईओ अशोक कुमार वर्मा, कर अधीक्षक लता आर्य समेत पालिका कर्मचारी तल्लीताल पहुंचे और चुंगी को कब्जे में ले लिया। चुंगी का ठेका मैसर्स एमपी इंटरप्राइजेज की ममता भट्ट के नाम 1.85 करोड़ में छूटा था। जबकि मल्लीताल बीडी पांडे के समीप, बारापत्थर व अंडा मार्केट की पार्किंग का ठेका नरदेव शर्मा के नाम 21.50 लाख मेें छूटा था। दोपहर बाद कर अधीक्षक लता आर्य समेत कर्मचारी पहुंचे और पार्किंग कब्जे में ले ली। मल्लीताल डीएसए पार्किंग को भी कब्जे में लिया गया, जिसका ठेका शिवशंकर मजूमदार के नाम एक करोड़ सात लाख में छूटा था। कर अधीक्षक ने बताया कि पार्किंग व चुंगी ठेकेदार को धरोहर राशि जब्त करने का नोटिस थमा दिया गया है।

पालाका से नहीं मिला कोई नोटिस

ममता भट्ट, एमपी इंटरप्राइजेज ने बताया कि पालिका की ओर से हमें कोई नोटिस नहीं दिया गया, शाम साढ़े चार बजे नोटिस भेजने की जानकारी मिली है। कंप्यूटरीकृत पर्ची नहीं देने को अनियमितता बताते हुए ठेका निरस्त किया गया है तो पालिका द्वारा भी कंप्यूटरीकृत पर्ची क्यों नहीं दी जा रही है। पालिका द्वारा बिना जीएसटी के टैक्स वसूला जा रहा है। अक्टूबर माह में 31 लाख जमा होने थे, दस लाख सितंबर में ही जमा कर दिए। 50 लाख धरोहर राशि भी पालिका के पास जमा है।

जांच कमेटी ने हमारा पक्ष तक नहीं लिया

नरदेव शर्मा, ठेकेदार पार्किंग का इस बारे में कहना है जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि पार्किंग की पर्ची में चेक आउट टाइम गलत था तो अब पालिका द्वारा भी वही चेक आउट अंकित पर्ची क्यों दी जा रही है। जांच कमेटी ने हमारा पक्ष तक नहीं लिया। दिसंबर तक ठेके की तय राशि का भुगतान हो चुका है। 


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