Move to Jagran APP

नैनीताल जेल में क्षमता से दुगने कैदी, स्टाफ भी स्वीकृत संख्या से आधे

नैनीताल की जेल में क्षमता से दुगने कैदी हैं। 71 कि क्षमता के सापेक्ष कैदियों की संख्या 144 है। जबकि स्टाफ की कुल स्वीकृति से आधी संख्या है। कोविड काल में फिलहाल नए कैदियों को भेजे जाने पर रोक है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 15 Jun 2021 09:33 AM (IST)Updated: Tue, 15 Jun 2021 09:33 AM (IST)
नैनीताल जेल में क्षमता से दुगने कैदी, स्टाफ भी स्वीकृत संख्या से आधे
नैनीताल जेल में क्षमता से दुगने कैदी, स्टाफ भी स्वीकृत संख्या से आधे

नैनीताल, जागरण संवाददाता : नैनीताल की जेल में क्षमता से दुगने कैदी हैं। 71 कि क्षमता के सापेक्ष कैदियों की संख्या 144 है। जबकि स्टाफ की कुल स्वीकृति से आधी संख्या है। कोविड काल में फिलहाल नए कैदियों को भेजे जाने पर रोक है। राज्य की जेलों में क्षमता से अधिक कैदियों का मामला जनहित याचिका के माध्यम से हाईकोर्ट में पहुंच चुका है। खासकर कोविड काल में संक्रमण फैलने की आशंका ने कोर्ट भी चिंतित है। कैदियों ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश तक को पत्र लिखे हैं। बंदी रक्षक समेत अन्य स्टाफ की कमी के साथ ही उनके लिए आवास आदि सुविधाओं की बेहद कमी है।

loksabha election banner

जेलर रमेश कुमार के अनुसार नैनीताल जेल की क्षमता 71 कैदियों को रखने की है जबकि यहां आठ सजायाफ्ता तथा 144 विचाराधीन बंदी हैं। एक कैदी आजीवन कारावास की सजा वाला है जबकि सजायाफ्ता में अन्य पांच या इससे कम सजा वाले हैं। जेलर के अनुसार लंबी सजा वाले कैदियों को अल्मोड़ा या अन्य जेलों में शिफ्ट कर देते हैं। नैनीताल जेल में अधीक्षक , जेलर, डिप्टी जेलर, बंदी रक्षक व संतरी के 60 पद स्वीकृत हैं। इसके सापेक्ष यहां प्रभारी अधीक्षक, जेलर समेत 32 स्टाफ तैनात है। डिप्टी जेलर के तीन पदों में सभी रिक्त हैं।

राज्य की जेलों से करीब 1200 कैदी जमानत पर रिहा

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से बनाई गई हाईपावर कमेटी की सिफारिश पर राज्य की जेलों से करीब 1200 विचाराधीन व दोष सिद्ध कैदियों को पैरोल व जमानत पर रिहा किया गया है। कैदियों का वैक्सिनेशन भी किया जा रहा है। जेल में बंद कैदियों को अधिवक्ता व स्वजनों से मुलाकात के लिए ई पोर्टल बनाया गया है। कमेटी हर माह जेलों की सुविधाओं तथा कैदियों की कोविड काल में स्थिति की समीक्षा करेगी। सरकार की ओर से इस आशय का हलफनामा दाखिल करने के बाद हाईकोर्ट ने जनहित याचिका को निस्तारित कर दिया।

जर्जर आवासों से मिलेगी निजात

नैनीताल जेल परिसर में कर्मचारियों के ब्रिटिशकाल में बने आवास हैं , जो जर्जर हो चुके थे। अब शासन से मिले नौ करोड़ की लागत से नए आवासों का निर्माण किया जा रहा है। जिनका काम अंतिम चरण में है। जेलर रमेश के अनुसार इससे कर्मचारियों को बड़ी सुविधा मिलेगी।

Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.