स्टोन क्रशरों पर की जा रही छापेमारी पर विधायक बंशीधर भगत ने जताई आपत्ति
डीएम सविन बंसल के निर्देश पर प्रशासन व खान विभाग की ओर से स्टोन क्रशरों पर की जा रही छापेमारी पर कालाढूंगी विधायक बंशीधर भगत ने आपत्ति जताई है।
हल्द्वानी, जेएनएन : डीएम सविन बंसल के निर्देश पर प्रशासन व खान विभाग की ओर से स्टोन क्रशरों पर की जा रही छापेमारी पर कालाढूंगी विधायक बंशीधर भगत ने आपत्ति जताई है। भगत ने कहा कि डेढ़ माह पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने डीएम को क्रशर संचालकों की तीन समस्याओं का समाधान करने को कहा था। समाधान तो नहीं हुआ, लेकिन छापेमारी कर उनका उत्पीडऩ जरूर किया जा रहा है। अब 13 अक्टूबर को क्रशर संचालकों के प्रतिनिधिमंडल को साथ लेकर सीएम के समक्ष मामला रखा जाएगा। इधर, क्रशर संचालकों की हड़ताल लगातार तीसरे दिन भी जारी रही।
प्रशासन ने बीते दिनों छापेमारी कर दो क्रशरों पर जुर्माना लगाया था। जिसके विरोध में क्रशर संचालक हड़ताल पर हैं। सोमवार को प्रतिनिधिमंडल ने विधायक बंशीधर भगत के ऊंचापुल आवास पर पहुंचकर मुलाकात की और समस्या के समाधान की मांग उठाई। जिस पर भगत ने मुख्यमंत्री को फोन कर पूरे मामले से अवगत कराया। भगत ने बताया पूर्व में सीएम ने समस्याओं का समाधान करने के निर्देश दिए थे, लेकिन इस दिशा में कोई काम नहीं हुआ। इधर, क्रशर संचालकों की हड़ताल से हजारों लोगों का रोजगार बैठ चुका है। विधायक से मुलाकात करने वालों में कुमाऊं क्रशर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश अग्रवाल, जगदीश पिमोली, सुनील तलवार, खीमानंद सनवाल, कुलवंत सिंह नागपाल, सीएस सेठी, विजय सिसौदिया, तरुण बंसल, विनोद जोशी, बसंत जोशी, अभिषेक अग्रवाल, दामोदर अग्रहारी, गोपाल पाल आदि मौजूद थे।
विधायक की ये हैं आपत्तियां
- कांटे पर तौल कर माल खरीदा व बेचा जाता है। जबकि छापा मारने वाली टीम फीते से ढेर की नपाई कर जुर्माना तय कर रही है। जो गलत है।
- पूर्व में इसी नियम से बड़ी पेनाल्टियां लगाई गई थी। जिनका निस्तारण डीएम को करना था, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
- लाइसेंस नवीनीकरण की प्रक्रिया पर लगातार अड़ंगा लग रहा है। जल्द इसका समाधान होना चाहिए।
पहले मंदी, अब छापेमारी से कारोबार खत्म
बैठक के दौरान कुमाऊं स्टोन क्रशर एसोसिएशन ने कहा कि मंदी की वजह से कारोबार ढीला पड़ चुका है। बैंकों का लोन लगातार बढ़ रहा है। कर्मचारियों का वेतन निकालना भी मुश्किल हो चुका है। ऊपर से जिला प्रशासन उनका उत्पीडऩ कर रहा है।
सरकारी व निजी काम अटके
क्रशर स्वामियों की हड़ताल के चलते जहां रोजाना दो करोड़ से ज्यादा का कारोबार ठप पड़ा है, वहीं सरकारी व निजी निर्माण कार्यों पर भी अब असर दिखने लगा है। हड़ताल लंबी खिंचने पर सड़क से जुड़े छोटे-छोटे प्रोजेक्ट भी ठप हो सकते हैं।