प्रदेश के चार जिलों में दुग्ध उत्पादन क्षमता डेढ़ लाख लीटर प्रतिदिन, खपत करीब आठ लाख लीटर
प्रदेश के चार जिलों देहरादून हरिद्वार नैनीताल एवं यूएसनगर में दुग्ध उत्पादन क्षमता लगभग डेढ़ लाख लीटर प्रतिदिन है। जबकि खपत करीब आठ लाख लीटर है।
पंतनगर, जेएनएन : प्रदेश के चार जिलों देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल एवं यूएसनगर में दुग्ध उत्पादन क्षमता लगभग डेढ़ लाख लीटर प्रतिदिन है। जबकि खपत करीब आठ लाख लीटर है। दूध के कम उत्पादन के चलते मिलावटखोरों की चांदी कट रही है। मौजूद समय में 70 प्रतिशत लोग दूध की जगह चूने का पानी पी रहे हैं। वहीं हमारे बच्चों की स्मरण शक्ति क्षीण, हारमोंस में बदलाव और वह कुपोषित हो रहे हैं।
यह बात उच्च शिक्षा सहकारिता एवं दुग्ध विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धन सिंह रावत ने कही। वह पंत विवि परिसर के डॉ. रतन सिंह सभागार में राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड के सहयोग से उत्तराखंड सहकारी डेरी फेडरेशन (यूसीडीएफ) द्वारा गुणवत्ता चिह्न अंकित आंचल सुप्रीम पशु आहारशाला पर आयोजित संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। रावत ने कहा कि अभी दूध की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग को अधिकृत किया गया है। मैंने सरकार को प्रस्ताव दिया है कि यह जिम्मेदारी डेरी विभाग को देनी चाहिए, जिस दिन यह अधिकार डेरी विभाग को मिल जाएगा। उस दिन से उत्तराखंड में बड़ा बदलाव आएगा और बाजार में बिक रहे सिंथेटिक दूध पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी। इसके लिए सभी जिलों को इसकी मॉनीटरिंग के आदेश दिए गए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार 70 प्रतिशत लोग दूध के बजाए चूने का पानी (सिंथेटिक दूध) पीने को मजबूर हैं। मंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने इसी परिप्रेक्ष्य में डेरी मंत्रालय बनाया है। जिसमें जल्द ही एक अभियान चलाने जा रहे एनडीडीएफ के महाप्रबंधक डॉ. वी श्रीधर ने फायदेमंद डेरी व्यवसाय के लिए पशुपालकों को तीन मंत्र दिए, जिसमें अधिकतम दुग्ध उत्पादन लेना, आहार लागत में कमी करना एवं प्रजनन क्षमता में सुधार करना शामिल है।
गोष्ठी में एनडीडीबी के कार्यपालक निदेशक मीनेश शाह, यूसीडीएफ प्रबंध निदेशक प्रकाश चंद्र, सामान्य प्रबंधक पशु आहार निर्माणशाला एचएस कुटौला, पीसी शर्मा, डॉ. एके अग्रवाल, डॉ. एके श्रीवास्तव सहित अध्यक्ष दुग्ध संघ-नैनीताल मुकेश बोरा, यूएस नगर-अर्जुन रौतेला, हरिद्वार- रणवीर सिंह, पूर्व अध्यक्ष राजबीर सिंह एवं पशुपालक मौजूद रहे।