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अल्‍मोड़ा में नामीगिरामी कंपनी का दूूूध पाउडर निकला मिलावटी, बेकरी के बिस्कुट नमूने भी फेल

अल्‍मोड़ा में एक और देश की नामचीन कंपनी का दुग्ध पाउडर खाद्य सुरक्षा अधिनियम के मानकों पर खरा नहीं उतरा है। यानि दूध पाउडर के नमूने जांच में फेल हो गए हैं। इसके अलावा हल्द्वानी की एक बेकरी के बिस्कुट भी खाने योग्य नहीं पाया गया है।

By Prashant MishraEdited By: Published: Wed, 28 Jul 2021 07:13 PM (IST)Updated: Wed, 28 Jul 2021 07:13 PM (IST)
अल्‍मोड़ा में नामीगिरामी कंपनी का दूूूध पाउडर निकला मिलावटी, बेकरी के बिस्कुट नमूने भी फेल
टीम ने वर्ष 2020 तथा इसी साल मार्च में जिलेभर में अभियान चला खाद्य पदार्थों के नमूने एकत्र किए थे।

जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : नामीगिरामी कंपनियों के उत्पादों में मिलावटखोरी पकड़े जाने का सिलसिला बना हुआ है। एक और देश की नामचीन कंपनी का दुग्ध पाउडर खाद्य सुरक्षा अधिनियम के मानकों पर खरा नहीं उतरा है। यानि दूध पाउडर के नमूने जांच में फेल हो गए हैं। इसके अलावा हल्द्वानी की एक बेकरी के बिस्कुट भी खाने योग्य नहीं पाया गया है। वहीं आटा व मावा भी मिलावटी निकला है। विभागीय स्तर पर कंपनी व विक्रेताओं के खिलाफ नोटिस जारी कर एक माह के भीतर अपने उत्पादों की पुन: जांच के निर्देश दिए गए हैं। ऐसा न करने पर अदालत में मुकदमा दर्ज कर जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी। 

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जनस्वास्थ्य के मद्देनजर मिलावटखोरी पर अंकुश को खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने वर्ष 2020 तथा इसी साल मार्च में जिलेभर में अभियान चला खाद्य पदार्थों के नमूने एकत्र किए थे। खाद्य सुरक्षा अधिकारी अभय कुमार सिंह ने जांच के लिए सैंपल रुद्रपुर स्थित प्रयोगशाला भेजे थे। बुधवार को रिपोर्ट जिला मुख्यालय पहुंच गई। इनमें चार नमूने फेल पाए गए हैं। एफएसओ अभय के अनुसार अक्टूबर 2020 में पनुवानौला बाजार से बेकरी के बिस्कुट मिलावटी निकले हैं। बिस्कुट हल्द्वानी की बेकरी में बने थे। उधर नवंबर में लमगड़ा बाजार में बिक रहे आटे की गुणवत्ता भी खराब पाई गई है। इस वर्ष मार्च में शहरफाटक से नामीगिरामी कंपनी के दुग्ध पाउडर के नमूने तक फेल हो गए हैं। साथ ही धारानौला बाजार में बिकने वाला मावा भी सेहत के लिए ठीक नहीं पाया गया है। 

उन्होंने ने बताया कि खाद्य नमूने मानकों के तहत फेल पाए जाने पर संबंधित निर्माता कंपनी व दुकानदारों को नोटिस भेज दिए गए हैं। दोबारा उत्पादों की जांच न कराने पर इन सभी के खिलाफ न्याय निर्णय अधिकारी (अपर जिला मजिस्ट्रेट) की अदालत में मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। 


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