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लिंगानुपात गड़बड़ाना चिंता का विषय : डॉ. सुभाष

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से आयोजित दो दिवसीय वार्षिक सेि

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Dec 2017 09:15 PM (IST)Updated: Sun, 17 Dec 2017 09:15 PM (IST)
लिंगानुपात गड़बड़ाना चिंता का विषय : डॉ. सुभाष
लिंगानुपात गड़बड़ाना चिंता का विषय : डॉ. सुभाष

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से आयोजित दो दिवसीय वार्षिक सेमिनार में मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज में रेडियोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुभाष बलयान ने कहा कि लिंगानुपात गड़बड़ाना चिंता का विषय है। इसमें हर जिले के जिलाधिकारी को सख्ती से नियमों का पालन कराना होगा।

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नैनीताल रोड वाटिका में आयोजित सेमिनार में पहुंचे डॉ. बलयान नेशनल इंस्पेक्शन ऑफ मॉनिट¨रग कमेटी के सदस्य भी हैं। उन्होंने कहा, पिथौरागढ़ सीमांत क्षेत्र है। वहां पर लिंगानुपात की स्थिति चिंताजनक है। ऐसा इसलिए कि वहां से लोग नेपाल भी लिंग परीक्षण के लिए चले जाते हैं। नैनीताल जिले में भी स्थिति ठीक नहीं है। इसके लिए डीएम को भी पहल करनी होगी। महाराष्ट्र का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि वहां के सरकारी अस्पतालों के 40 डॉक्टर लिंग परीक्षण करते हुए पकड़े गए। उन्होंने कहा कि अक्सर जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग के ही लोगों को भेज दिया जाता है। वे लोग पहले से ही मिले होते हैं, क्या सही जांच करेंगे। डॉ. बलयान ने कहा कि जो भी पकड़ा जाता है। उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होती है। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से लाइसेंस तक रद हो सकता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड अभी तक इस कमेटी का सदस्य तक नहीं है। इसके अलावा सर गंगाराम अस्पताल के एनेस्थेटिक डॉ. भुवन चंद्र पांडे ने बताया कि ऑपरेशन से पहले एनेस्थेटिक जांच की बहुत अधिक महत्ता है। इसके साथ ही बृजलाल अस्पताल के प्लास्टिक सर्जन डॉ. पीएस भंडारी, मैक्स अस्पताल के डॉ. ऋत्विक दुबे आदि ने विचार व्यक्त किए। संचालन डॉ. श्रद्धा प्रधान सयाना ने किया। इसमें डॉ. अनिल अग्रवाल, डॉ. राहुल सिंह, डॉ. महेश शर्मा, डॉ. पंकज महेश, डॉ. जेएस भंडारी, डॉ. रवि अदलखा, डॉ. एनएस भट्ट आदि शामिल रहे।

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हेड इन्ज्युरी मरीज को प्राथमिक उपचार के बाद करें रेफर

पीजीआई चंडीगढ़ के न्यूरोसर्जन डॉ. एमके तिवारी ने कहा कि अक्सर देखा गया है कि हेड इनज्युरी का मरीज आते ही अस्पताल रेफर कर देते हैं। कारण बता देते हैं, न्यूरासर्जन नहीं है। जबकि, ऐसा नहीं करना चाहिए। प्राथमिक उपचार दे देना चाहिए। अगर ब्लीडिंग हो रही है। बीपी ठीक नहीं है या फिर अन्य कोई और दिक्कत भी है तो प्राथमिक उपचार करने के बाद ही रेफर किया जाना चाहिए। हमारे देश में सबसे अधिक हेड इनज्युरी के केस हैं। इसके पीछे कारण शराब पीकर गाड़ी चलाना, सड़कों की गुणवत्ता ठीक नहीं होना है।

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डॉ. पांडे आइएमए व डॉ. खुराना आइएमए एएमएस के अध्यक्ष चुने गए

आइएमए उत्तराखंड की नई कार्यकारिणी का गठन रविवार को विधिवत रूप से कर लिया गया है। इसमें आइएमए के अध्यक्ष डॉ. बीसी पांडे और आइएमए एएमएस के अध्यक्ष हल्द्वानी के डॉ. जेएस खुराना को चुना गया है। सचिव डॉ. डीडी चौधरी देहरादून को बनाया गया है। इसके अलावा बाजपुर के डॉ. एसके गुप्ता को उपाध्यक्ष व हरिद्वार की डॉ. नीता मेहरा को उपाध्यक्ष चुना गया। कोषाध्यक्ष डॉ. संजय उप्रेती, मीडिया प्रभारी डॉ. वीके छाबड़ा, सदस्य डॉ. जेएस खुराना, डॉ. डीसी पंत को बनाया गया है। अन्य कमेटियों में डॉ. आरएन सिंह, डॉ. केसी लोहनी, डॉ. अजय पाल, डॉ. राहुल सिंह आदि शामिल हैं।


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