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इस सदी में तीसरी बार धरती के करीब आया मंगल, छह अक्टूबर को और पास होगा

मानव का अगला घर माना जा रहा लाल ग्रह यानी मंगल इन दिनों पृथ्वी के बेहद करीब आ गया है। रात को आसमान में लाल रंग में टिमटिमाता यह ग्रह आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Mon, 14 Sep 2020 07:41 AM (IST)Updated: Mon, 14 Sep 2020 01:00 PM (IST)
इस सदी में तीसरी बार धरती के करीब आया मंगल, छह अक्टूबर को और पास होगा
इस सदी में तीसरी बार धरती के करीब आया मंगल, छह अक्टूबर को और पास होगा

नैनीताल, रमेश चंद्रा : मानव का अगला घर माना जा रहा लाल ग्रह यानी मंगल इन दिनों पृथ्वी के बेहद करीब आ गया है। रात को आसमान में लाल रंग में टिमटिमाता यह ग्रह आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस सदी का यह तीसरा मौका है, जब मंगल ग्रह धरती के सर्वाधिक करीब पहुंचा है। छह अक्टूबर को वह और पास होगा।

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मंगल इन दिनों वक्री है। यानी पश्चिम की ओर विपरीत दिशा में प्रतिगामी गति कर रहा है। अगले कुछ दिन इसकी चाल वक्री ही रहेगी। ज्योतिषियों का कहना है कि वह कुछ राशियों पर बुरा प्रभाव डालेगा, मगर खगोल प्रमियों व वैज्ञानिकों के लिए यह अवसर मंगल का नजदीक से दीदार करने का है। आसमान में होने वाले कई तरह के करतबों पर रुचि रखने वाले मंगल के दर्शन का मौका नहीं चूकना चाहते।

आर्यभटट् प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) के खगोल वैज्ञानिक डॉ. शशिभूषण पांडे का कहना है कि 2003 में लाल ग्रह 60 हजार साल बाद पृथ्वी के सबसे करीब आया था। इसके बाद 2018 में दूसरी बार यह पृथ्वी के पास था। अब यह तीसरा अवसर है, जब वह नजदीक पहुंच रहा है।

मंगल पर है दुनियाभर के वैज्ञानिकों की नजर

मंगल पर जीवन की संभावनाओं को लेकर दुनियाभर की अंतरिक्ष एजेसियां अध्ययन कर रही हैं। मंगल अपनी कक्षा में विचरण करते हुए इन दिनों धरती से 6.2 करोड़ किमी की दूरी पर है। छह अक्टूबर को वह सर्वाधिक करीब पहुंचने के बाद दूर जाना जरूर शुरू करेगा। इस दौरान मंगल पर पृथ्वी से रिसर्च कर रहे वैज्ञानिकों के लिए यह सुनहरा मौका होगा।

687 दिन का होता है मंगल का साल

मंगल ग्रह आकार में पृथ्वी का लगभग आधा है। पृथ्वी व मंगल के बीच कई समानताएं पाई जाती हैं। जिस कारण इस ग्रह पर जीवन की संभावनाएं प्रबल नजर आती हैं। दिनों की तुलना में पृथ्वी को सूर्य का एक चक्कर लगाने में 365 दिन लग जाते हैं। जबकि मंगल को 687 दिन का समय लगता है।


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