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एक रुपए में दो बहनें गरीब बच्चों का संवार रहीं भविष्य, आप भी सराहेंगे इनका काम

कचरे के ढेर से कूड़े बीनने वाले बच्चे और सार्वजनिक स्थलों पर घूमकर भीक्षा मांगने वाली बच्चियाें को अब सहीं दिशा मिल रही है। मनिका और उनकी बहन आरती पाल उनका भविष्य संवारने का काम कर रही हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 20 Oct 2020 08:25 AM (IST)Updated: Tue, 20 Oct 2020 08:25 AM (IST)
एक रुपए में दो बहनें गरीब बच्चों का संवार रहीं भविष्य, आप भी सराहेंगे इनका काम
एक रुपए में दो बहनें गरीब बच्चों का संवार रहीं भविष्य

रुद्रपुर, जेएनएन : कचरे के ढेर से कूड़े बीनने वाले बच्चे और सार्वजनिक स्थलों पर घूमकर भीक्षा मांगने वाली बच्चियाें को अब सहीं दिशा मिल रही है। मनिका और उनकी बहन आरती पाल उनका भविष्य संवारने का काम कर रही हैं। बच्चों के परिजनों को पहले शिक्षा के लिए जागरूक करने के बाद उन्हीं बच्चों को शिक्षा दे रही हैं। ट्यूशन फीस के रूप में हर बच्चे से एक रुपए शुल्क भी लेती हैं, जिससे बच्चों को और उनके अभिभावकों को अच्छा महसूस हो।

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गरीबी को नजदीक से महसूस करने और फिर उसी गरीबी से ऊपर उठकर दुनिया को समझने वाली मनिका ने कुछ करने की ठानी। रुद्रपुर रम्पुरा की मनिका व उनकी बहन ने बच्चों के भविष्य को संवारने का जिम्मा उठाया है। छह साल पहले मनिका गरीब परिवारों के घर-घर जाकर उनके बच्चों को शिक्षा देने के लिए प्रेरित किया। शुरुआती दौर में छह बच्चों को पढ़ाना शुरू किया। धीरे-धीरे करके आस-पास के गरीब परिवार के बच्चे व अनाथ बच्चों की संख्या बढ़ने लगी।

उनकी बहन बीए की पढ़ाई करने के बाद मनिका का साथ देने लगी। छह सालों में करीब 500 से अधिक बच्चों को प्राइमरी की शिक्षा दी। एक परिवार को निश्शुल्क पढ़ाने पर संकोच लगा। इसके बाद मनिका ने इस शिक्षा के बदले एक रुपए फीस निर्धारित कर दी। वह भी स्वैच्छिक। बच्चों को रोजाना एक से डेढ़ घंटे का समय देती हैं। पढ़ाई के साथ ही कुछ ऐसे बच्चों का भी चयन किया है जो कुछ अलग करना चाहते हैं। उन बच्चों को डांस व खिलौने के निर्माण आदि सिखाकर हुनरमंद भी बना रही हैं।

फीस के पैसे बच्चों पर ही करती हैं खर्च

मनिका बताती हैं कि बच्चों को अच्छा फील कराने के लिए वे उनके एक रुपए लेती हैं। इन पैसों कऐ उन्हीं बच्चों पर खर्च करती हैं। जिसमें बच्चों का जन्मदिन मनाना, स्टेशनरी देना और अन्य छोटी मोटी जरूरतों की पूर्ति करती हैं।

वर्तमान में 20 बच्चे ले रहे शिक्षा

वैसे तो मनिका और उनकी बहन ने 500 से अधिक बच्चों को शिक्षा दे चुकी हैं। वर्तमान में 20 बच्चों का एक अतिरिक्त बैच का संचालन किया जा रहा है। शाम के वक्त उन्हें डेढ़ घंटे क्लास चलती है। जबकि हर रविवार अतिरिक्त गतिविधियां कराई जाती हैं।

परिवारों को करती हैं जागरूक

दोनों बहने न सिर्फ शिक्षा देती हैं बल्कि गरीब परिवार के बीच जाकर शिक्षा की अलख भी जगाती हैं। उन्होंने ऐसे परिवारों को चुनती हैं जो अपने बच्चों को स्कूल न भेजकर उनके काम कराते हैं या फिर भिक्षावृत्ति में लगाते हैं।

बच्चों के लिए समय निकालना प्राथमिकता

मनिका यानी पुष्पा मनी कहती हैं कि कितने बच्चों को शिक्षा दी ये महत्व नहीं रखता बल्कि कितने आगे की पढ़ाई कर रहे हैं हमें ये जानकर खुशी होती है। अपना काम भी हैं लेकिन बच्चों के लिए समय निकालना प्राथमिकता है। भविष्य में ये क्लासेज जारी रहेगा। जरूरत पडऩे पर कोचिंग सेंटर निश्शुल्क खोला जाएगा। जिससे बच्चों को स्कूल के बाद भी शिक्षा मिले। उन्हें ट्यूशन के लिए कहीं जाने की जरूरत न हो।


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