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मक्का उत्पादकों की उम्मीदों पर मौसम ने फेरा पानी, बारिश और ओलावृष्टि से फसल बर्बाद

इस बार अब तक हुई ओलावृष्टि ने न सिर्फ आम-लीची व अन्य बागवानी फसलों को नुकसान पहुंचाया है बल्कि खरीफ सीजन की प्रमुख फसल मक्का को भी भारी नुकसान पहुंचाया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 16 Jun 2019 03:13 PM (IST)Updated: Sun, 16 Jun 2019 03:13 PM (IST)
मक्का उत्पादकों की उम्मीदों पर मौसम ने फेरा पानी, बारिश और ओलावृष्टि से फसल बर्बाद
मक्का उत्पादकों की उम्मीदों पर मौसम ने फेरा पानी, बारिश और ओलावृष्टि से फसल बर्बाद

हल्द्वानी, जेएनएन : इस बार अब तक हुई ओलावृष्टि ने न सिर्फ आम-लीची व अन्य बागवानी फसलों को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि खरीफ सीजन की प्रमुख फसल मक्का को भी भारी नुकसान पहुंचाया है। गौलापार क्षेत्र के किशनपुर रैक्वाल, देवला तल्ला, खेड़ा सहित अन्य इलाकों में बड़े पैमाने पर मक्का बोया गया है। पिछले दिनों हुई ओलावृष्टि से कई हेक्टेयर क्षेत्रफल में फसल चौपट हो गई। 

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प्रति हेक्टेयर 13.25 क्विंटल होता है उत्पादन

नैनीताल जिले में चालू खरीफ सीजन में तकरीबन 3107 हेक्टेयर क्षेत्रफल में मक्का की फसल बोई गई है, जिससे 4117 मीट्रिक टन मक्का उत्पादन का अनुमान लगाया गया है। इसमें से अकेले भाबरी क्षेत्र में ही 1426 हेक्टेयर में मक्का बोया गया है। विभागीय आंकड़ों के अनुसार तराई-भाबर में प्रति हेक्टेयर 13.25 क्ंिवटल मक्का उत्पादन होता है। लेकिन पिछले दिनों आए आंधी-तूफान और ओलावृष्टि के बाद उत्पादन में कितनी कमी आएगी, कृषि विभाग इसके आंकलन में जुट गया है। 

उत्पादन में कमी से कीमतों में रहेगी तेजी 

भाबरी क्षेत्र में मई-जून में मक्का बोया जाता है। सितंबर तक मक्के की फसल पूरी तरह तैयार हो जाती है। इसके बाद स्थानीय मंडी व आसपास के पर्यटक स्थलों से डिमांड आने के बाद किसान मक्का बेचते हैं। लोकल फ्लोर मिल भी मक्के के सूखे दानों की खरीद करते हैं। किसानों की माने तो इस बार मानसून में देरी से पहले ही मक्के की पैदावार पर असर पड़ रहा है, दूसरा ओलावृष्टि ने बड़े पैमाने पर पौधों को नुकसान पहुंचाया है, जिससे इस बार उत्पादन कम होने से बाजार में मक्के के दामों में तेजी आ सकती है।  

जिला प्रशासन से लगाई मदद की गुहार 

बागवानी फसलों के बाद मक्के की फसल में नुकसान झेल रहे गौलापार के किसानों ने जिला प्रशासन से मुआवजे की मांग की है। किशनपुर रैक्वाल के किसान सूरत संभल, मोहन नेगी, रवि बोरा, राजू बोरा, गोपाल सिंह गंगोला, सुरेंद्र सिंह रैक्वाल, खीम सिंह, मोती सिंह बोरा, नंदन सिंह रैक्वाल सहित ऐसे कई किसान हैं, जिनकी कई एकड़ भूमि में मक्के की फसलों को नुकसान पहुंचा है। 

ओलावृष्टि से हुआ नुकासन 

धनपत कुमार, जिला कृषि अधिकारी, नैनीताल ने बताया कि कुछ स्थानों पर मक्के की फसल को ओलावृष्टि से नुकसान हुआ है। इसका आंकलन कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी, ताकि विभाग अपने स्तर से किसानों की मदद कर सके। 

फलों को भी पहुंचा है नुकसान 

तारा सिंह बिष्ट, ग्राम प्रधान, किशनपुर रैक्वाल, गौलापार ने बताया कि गौलापार क्षेत्र के कई गांवों में ओलावृष्टि व अंधड़ से मक्का की फसल चौपट हो गई। फलों को भी नुकसान पहुंचा है। ग्रामीण काफी उदास हैं, प्रशासन तत्काल किसानों को मुआवजा देने की व्यवस्था करे। 

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