मदकोट-मुनस्यारी मोटर मार्ग 40 दिनों बाद आवागमन के लिए खुला Pithoragarh News
पिथौरागढ जिले में आई आपदा के बाद 19 जुलाई से बंद पड़ा मदकोट-मुनस्यारी मोटर मार्ग 40 दिनों बाद शुक्रवार को आवागमन के लिए खुल गया।
मुनस्यारी, जेएनएन : पिथौरागढ जिले में आई आपदा के बाद 19 जुलाई से बंद पड़ा मदकोट-मुनस्यारी मोटर मार्ग 40 दिनों बाद शुक्रवार को आवागमन के लिए खुल गया। मदकोट क्षेत्र से वाहन पहुंचने से क्षेत्र के लोगों ने राहत की सांस ली है। जुलाई में भारी बारिश से मदकोट- मुनस्यारी मोटर मार्ग चार स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गया था। कई स्थानों पर भारी मलबा आ गया था। मार्ग बंद हो जाने से मुनस्यारी से जौलजीबी के वाहनों का आवागमन बंद हो गया । 20 हजार से अधिक की आबादी को तहसील मुख्यालय पहुंचने के लिए पैदल आवागमन करना पड़ रहा था। सबसे अधिक परेशान मरीज थे। मरीजों को डोली में डालकर अस्पताल पहुंचाना पड़ रहा था। सीमा सड़क संगठन मार्ग खोलने में जुटा था, लेकिन लगातार हो रही बारिश इसमें बाधक बन रही थी। पहाडिय़ों से गिर रहे बोल्डरों से मजदूरों के लिए भी खतरा बना हुआ था। शुक्रवार को संगठन ने सड़क खोल ली। मदकोट से वाहन तहसील मुख्यालय पहुंच गए। इससे क्षेत्र के लोगों को खासी राहत मिली है।
पुनर्वास के लिए डीएम कार्यालय पहुंचे आपदा पीड़ित
तीन वर्ष पूर्व आपदा की मार झेल चुके तल्ला कनार के ग्रामीण शुक्रवार को जिला मुख्यालय पहुंचे। ग्रामीणों ने पुनर्वास की कार्रवाई को जल्द पूरा कराए जाने की मांग की। पुनर्वास का प्रस्ताव तैयार हो चुका है, लेकिन अभी धरातल पर नहीं उतरा है। वर्ष 2017 में आई आपदा में तल्ला कनार के कई घरों में दरार आ गई थी। इस घटना के बाद गांव के भूगर्भीय सर्वेक्षण में ग्रामीणों के पुनर्वास की संस्तुति की गई थी। आपदा प्रबंधन विभाग ने गांव के सात ग्रामीणों के पुनर्वास के लिए बरम में भूमि का चयन किया और भवन बनाने के लिए करीब 29 लाख रुपये का प्रस्ताव भी बनाया। इस प्रस्ताव को अभी तक स्वीकृति नही मिल पाई है। जिससे ग्रामीण परेशान हैं। पुनर्वास की मांग को लेकर मुख्यालय पहुंचे ग्रामीणों ने जिलाधिकारी डा.विजय कुमार जोगदंडे से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों ने कहा कि पुनर्वास के लिए बनाए गए प्रस्ताव को अविलंब स्वीकृति दी जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि इस मामले में कार्रवाई की जा रही है। जल्द ही पुनर्वास की कार्रवाई पूरी कर ली जाएगी।