Haldwani News : स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट हल्द्वानी के निर्माण से पहले खरीदी जाएंगी 30 करोड़ की मशीनें
Cancer Institute Haldwani राजकीय मेडिकल कालेज के अधीन स्वामी राम कैंसर इंस्टीट्यूट संचालित है। इस संस्थान में आठ वर्ष पहले स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट बनाने की परियोजना तय हुई। भारत सरकार की यह महत्वाकांक्षी परियोजना 103 करोड़ रुपये की है।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : वन विभाग की आपत्ति के चलते स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट को अभी निर्माण की अनुमति नहीं मिली है, लेकिन मशीनें खरीदने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पहले चरण में करीब 30 करोड़ की मशीनें खरीदी जाएंगी। इसके लिए चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक आशीष कुमार श्रीवास्तव ने अनुमति देने को लेकर आश्वस्त भी किया है।
राजकीय मेडिकल कालेज के अधीन स्वामी राम कैंसर इंस्टीट्यूट संचालित है। इस संस्थान में आठ वर्ष पहले स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट बनाने की परियोजना तय हुई। भारत सरकार की यह महत्वाकांक्षी परियोजना 103 करोड़ रुपये की है। इसके लिए कई बार टीम दौरा कर चुकी है और 69 करोड़ रुपये भी जारी हो चुके हैं। 87 करोड़ रुपये की डिटले प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) भी तैयार हो चुकी है। अब उपकरण खरीदने जाने हैं। अलग-अलग कंपनियों की मशीनों को देखा जा रहा है।
खरीदे जाने हैं ये उपकरण
स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट के लिए हाइ एनर्जी लीनियर, सीटी सिमुलेटर समेत रेडियोथेरेपी आदि की कई हाइटेक मशीनें खरीदी जानी हैं। यह अत्याधुनिक मशीनें कैंसर के इलाज के लिए हैं।
वन विभाग को जमा करनी है दूसरी किस्त
वन विभाग की आपत्ति के चलते स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट का निर्माण संभव नहीं हो पा रहा है। कालेज प्रशासन ने वन विभाग को 55 लाख रुपये की पेनाल्टी लगाई है्। इस रकम को जमा किया जा चुका है, लेकिन अभी कुछ और पेनाल्टी है। इसे जमा करने की प्रक्रिया चल रही है।
यह है परियोजना
भारत सरकार की 103 करोड़ की परियोजना है। इसमें कैंसर के हर तरह के इलाज की सुविधा मिलेगी। कैंसर के हर तरह के विशेषज्ञ नियुक्त होंगे। राज्य सरकार ने 152 पद स्वीकृत भी कर दिए हैं।
वन विभाग की अनुमति मिलने की प्रक्रिया अंतिम चरण में
स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट निदेशक डा. केसी पांडे ने बताया कि स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट को जल्द शुरू कराने के लिए प्रक्रिया चल रही है। वन विभाग की अनुमति मिलने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। मशीनें खरीदने की तैयारी चल रही है। इसके लिए डीजी मेडिकल एजुकेशन ने भी सहमति प्रदान की है। टेंडर कराने के लिए पूरा प्रस्ताव तैयार कर जल्द ही निदेशालय को भेज दिया जाएगा।