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Chandra Grahan 2021 India : उत्तराखंड में नहीं दिखेगा साल का पहला चंद्रग्रहण, महामारी में आएगी कमी

Chandra Grahan 2021 India साल का पहला चंद्र ग्रहण 26 मई को पूर्णिमा पर लगेगा। 10 जून को सूर्य ग्रहण होगा। दोनों ग्रहण एक पखवाड़े में होंगे। वर्ष का पहला चंद्रग्रहण वृश्चिक राशि और अनुराधा नक्षत्र में होने जा रहा है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 26 May 2021 07:02 AM (IST)Updated: Wed, 26 May 2021 05:56 PM (IST)
Chandra Grahan 2021 India : उत्तराखंड में नहीं दिखेगा साल का पहला चंद्रग्रहण, महामारी में आएगी कमी
Chandra Grahan 2021 India : उत्तराखंड में नहीं दिखेगा चंद्रग्रहण, महामारी में आएगी कमी

हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : Chandra Grahan 2021 India : साल का पहला चंद्र ग्रहण 26 मई को पूर्णिमा पर लगेगा। 10 जून को सूर्य ग्रहण होगा। दोनों ग्रहण एक पखवाड़े में होंगे। वर्ष का पहला चंद्रग्रहण वृश्चिक राशि और अनुराधा नक्षत्र में होने जा रहा है। इसके बाद 19 नवंबर को साल का दूसरा चंद्रग्रहण और फिर चार दिसंबर को सूर्य ग्रहण होगा।

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श्री महादेव गिरि संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य डा. नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि बुधवार 26 मई को होने वाला चंद्रग्रहण उत्तराखंड में नहीं दिखाई देगा। देश के सुदूर पूर्वी भाग और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में ग्रहण को आंशिक रूप से दिखाई देगा। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत व हिंद महासागर में ग्रहण को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।

खगोल विज्ञान के जानकारों के मुताबिक बुद्ध पूर्णिमा को फ्लाॅवर सूपर मून दिखाई देगा। यह सामान्य दिनों से 13 प्रतिशत ज्यादा बड़ा व 30 फीसद ज्यादा चमकीला होगा। इसे ब्लड मून भी कहा जा रहा है। डा. नवीन जोशी के मुताबिक जहां ग्रहण नहीं दिखेगा वहां सूतक मान्य नहीं होगा। उत्तराखंड उन स्थानों में शामिल है जहां ग्रहण नहीं दिखाई देगा।

मौसम पर दिखेगा बदलाव

उत्तराखंड में नहीं दिखाई देने से ग्रहण का सूतन नहीं होगा, लेकिन मौसम पर इसका असर दिखाई देगा। ज्योतिषियों के अनुसार ग्रहण के बाद दो-तीन दिन के भीतर बूंदाबांदी, तेज हवा या आंधी चल सकती है। चंद्रग्रहण के समय वृष राशि में सूर्य, राहु व शुक्र की युति, मिथुन राशि में मंगल, बुध की मौजूदगी और साथ ही मकर यानी स्वगृही शनि व कुंभ में देवगुरु बृहस्पति की उपस्थिति कोरोना के दुष्प्रभाव को कम करेगा । पूर्वोत्तर व समुद्री क्षेत्रो मेंं रोग व दैवीय आपदा बढ़ सकती है।

ग्रहण काल में भी कर सकेंगे पूजन

पंडित डा. नवीन चंद्र जोशी के अनुसार बुधवार वैशाख पूर्णिमा पर भारतीय समय अनुसार दोपहर 3:14 बजे ग्रहण शुरू होकर शाम 6:23 बजे तक रहेगा। हल्द्वानी में इसके नहीं दिखाई देने के से इसका सूतक मान्य नहीं होगा। मंदिरों व घरों में पूजा की जा सकेगी। बुद्ध पूर्णिमा के दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व है।

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