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Solar Eclipse 30 april 2022 : सूर्य ग्रहण के 15 दिन बाद लगने वाला चंद्रग्रहण भी भारत में नहीं आएगा नजर

Solar Eclipse 30 april 2022 साल का पहला सूर्यग्रहण 30 अप्रैल को लगने जा रहा है। इसके ठीक 15 दिन बाद चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। चंद्र ग्रहण (lunar eclipse) भी भारत से नही देखा जा सकेगा।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 24 Apr 2022 08:16 AM (IST)Updated: Sun, 24 Apr 2022 08:16 AM (IST)
Solar Eclipse 30 april 2022 : सूर्य ग्रहण के 15 दिन बाद लगने वाला चंद्रग्रहण भी भारत में नहीं आएगा नजर
Solar Eclipse 30 april 2022 : साल का पहला सूर्यग्रहण 30 अप्रैल को लगने जा रहा है।

जागरण संवाददाता, नैनीताल : Solar Eclipse 30 april 2022 : साल का पहला सूर्यग्रहण 30 अप्रैल को लगने जा रहा है। यह आंशिक सूर्यग्रहण (Solar Eclipse) होगा। रात के समय लगने के कारण यह ग्रहण भारत में नही देखा जा सकेगा। अमेरिका के कुछ हिस्सों समेत अंटार्कटिका में यह नजर आएगा।

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आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) के पूर्व निदेशक व वरिष्ठ सौर विज्ञानी डा. वहाबउद्दीन ने बताया कि इस वर्ष सिर्फ दो सूर्यग्रहण लगने जा रहे हैं। 30 अप्रैल को पहला सूर्यग्रहण लगने जा रहा है। यह ग्रहण तब शुरू होगा जब भारत में आधी रात हो चुकी होगी और सुबह होने से पहले ग्रहण समाप्त हो जाएगा।

भारतीय समयानुसार रात चंद्रमा की पहली छाया 12:15:19 बजे सूर्य में नजर आने लगेगी। 02:11:37 बजे सूर्य का अधिकतम हिस्सा ग्रहण की चपेट में होगा। इसके बाद ग्रहण छंटना शुरू हो जाएगा और 04:07:56 बजे सूर्य ग्रहण की छाया से मुक्त हो जाएगा। ग्रहण की कुल अवधि लगभग 3.52 घंटे रहेगी।

इस बीच सूर्यग्रहण दक्षिणी अमेरिका के दक्षिण पश्चिमी हिस्से सर्वाधिक नजर आएगा। इसके अलावा अंटार्कटिका में देखा जा सकेगा। समुद्री हिस्से में प्रशांत व अटलांटिक महासागर में यह ग्रहण नजर आएगा। इसके ठीक 15 दिन बाद चंद्र ग्रहण (lunar eclipse) लगने जा रहा है। चंद्र ग्रहण भी भारत से नही देखा जा सकेगा।

सूर्य व पृथ्वी के बीच आ जाता है चंद्रमा

चंद्रमा भ्रमण करते हुए सूर्य व पृथ्वी के ठीक बीच में आ जाता है। तब सूर्यग्रहण की घटना होती है। सूर्यग्रहण साल में कई बार होता है।

कोरोना अध्ययन सूर्य ग्रहण के दौरान ही संभव

पूर्ण सूर्य ग्रहण बेहद अद्भुत खगोलीय घटना है, जो सूर्य के बाहरी आवरण यानी कोरोना के अध्ययन के लिए अहम मानी जाती है। पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान ही सूर्य के कोरोना को देखा जा सकता है। सूर्य के कोरोना का तापमान सूर्य की सतह से कई गुना अधिक होता है। धरती से कोरोना का अध्ययन सूर्य ग्रहण के दौरान ही संभव है।


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