अनुबंधित बसों से तीन डिपो में निगम को घाटा
यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के इरादे से अनुबंधित की गई बसें परिवहन निगम के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही हैं।
By Edited By: Published: Tue, 20 Mar 2018 07:59 PM (IST)Updated: Sat, 24 Mar 2018 10:45 AM (IST)
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी: यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के इरादे से अनुबंधित की गई बसें परिवहन निगम के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही हैं। अल्मोड़ा, काठगोदाम व रामनगर डिपो में अनुबंधित बसों से फरवरी में ही निगम को ढाई लाख का घाटा हो चुका है। नैनीताल रीजन में कुल 82 बसों को अनुबंध के तहत संचालित किया जाता है। इनमें वॉल्वो, एसी जनरथ और कुछ साधारण बसें शामिल हैं। परिवहन निगम इन्हें प्रति किलोमीटर के हिसाब से भुगतान करता है। जबकि डीजल, परिचालक की सेलरी आदि देयकों का भुगतान भी निगम के जिम्मे है। वहीं रामनगर और काशीपुर डिपो से संचालित 10 मैक्स कैब एक माह के भीतर 83000 का नुकसान निगम को पहुंचा चुकी है। सूत्रों की मानें तो मैक्स में सवारियों के टिकट और डीजल में हेराफेरी की वजह से हर बार आय से अधिक खर्च का बिल बन जाता है। चेकिंग अभियान में सुस्ती भी घाटे की वजह है। =========================== यह है फरवरी के घाटे की स्थिति डिपो इनकम खर्च घाटा अल्मोड़ा 4.60 लाख 6.06 लाख 1.46 लाख रामनगर 9.44 लाख 9.94 लाख 50 हजार काठगोदाम 68.86 लाख 68.88 लाख 2 हजार =========================== आठ में से सिर्फ तीन डिपो फायदे में हल्द्वानी, रुद्रपुर और काशीपुर डिपो की अनुबंधित बसों ने निगम को फायदा पहुंचाया है। इन डिपो में 54 अनुबंधित बसें है। करीब 12 लाख का फायदा फरवरी में निगम को इन डिपो से हुआ है। जिसमें से 6.82 लाख हल्द्वानी डिपो से मिले है। रानीखेत और भवाली डिपो का आय-व्यय ब्यौरा फिलहाल नहीं बना है। =========================== कैब की स्थिति जनवरी में भी खराब आय के मामले में अनुबंधित मैक्स कैब की परफॉर्मेस जनवरी में भी खराब रही। जनवरी में रामनगर से 45618 और काशीपुर डिपो से 2019 का घाटा हुआ। =========================== अनुबंधित बसों से निगम हमेशा फायदे में रहता है। यात्रियों को बेहतर सुविधा और समय पर गंतव्य पर पहुंचाने को इनका संचालन किया जाता है। केवल परिचालक और डीजल व्यय ही निगम भुगतान करता है। -कुशीराम, आरएम संचालन
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