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कोरोना काल में कम बीमार पड़े लोग, 2019 की अपेक्षा 2020 में तीन लाख लोग कम पहुंचे अस्‍पताल

कोरोना महामारी का एक दिलचस्प पहलू भी सामने आया है जो लोगों को हैरान कर देने वाला है। अकेले ऊधमसिंह नगर जिले में कोरोना महामारी के दौरान लोगों के बीमार होने का आंकड़ा कम हो गया। यह कमी कोई सामान्य नहीं बल्कि 45 फीसदी तक रिकार्ड की गई।

By Prashant MishraEdited By: Published: Fri, 15 Jan 2021 01:08 PM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 01:08 PM (IST)
कोरोना काल में कम बीमार पड़े लोग, 2019 की अपेक्षा 2020 में तीन लाख लोग कम पहुंचे अस्‍पताल
कोरोना महामारी के प्रसार पर नियंत्रण के लिए मास्क, शारीरिक दूरी, स्वच्छता पर खूब ध्यान दिया गया।

रुद्रपुर, मनीस पांडेय। कोविड-19 महामारी के चलते लाखों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। संक्रमण की दहशत व लॉक डाउन के बीच देश की अर्थव्यवस्था में गिरावट दर्ज की गई और लोगों को बेरोजगारी से जूझना पड़ा। अब कोरोना वैक्सीन हर गांव और शहर तक पहुंचने लगी है, ऐसे में कोविड-19 से मुक्ति का सफर भी शुरू हो गया है। लेकिन इन्हीं सब के बीच कोरोना महामारी का एक दिलचस्प पहलू भी सामने आया है जो लोगों को हैरान कर देने वाला है। अकेले ऊधमसिंह नगर जिले में कोरोना महामारी के दौरान लोगों के बीमार होने का आंकड़ा कम हो गया। यह कमी कोई सामान्य नहीं बल्कि 45 फीसदी तक रिकार्ड की गई।

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अच्छे स्वास्थ्य के लिए लोग कई तरह के उपाय करते हैं। पौष्टिक भोजन, व्यायाम, दवा आदि के जरिए लोग स्वस्थ्य होने की कोशिश के बाद भी बीमार पड़ते हैं। लेकिन कोरोना महामारी के बीच गुजरे वर्ष 2020 में बीमार होने वाले लोगों की संख्या घटकर करीब आधी हो गई। जिसमें वर्ष 2019 के मुकाबले करीब तीन लाख से अधिक लोगों को अस्पताल या चिकित्सक के पास नहीं जाना पड़ा। चिकित्सकों के अनुसार कोरोना महामारी के प्रसार पर नियंत्रण के लिए मास्क, शारीरिक दूरी, स्वच्छता पर खूब ध्यान दिया गया। जिसका असर यह है कि कोरोना के साथ ही अन्य संक्रामक बीमारियों भी नियंत्रित हो गई हैं।

जिले के विभिन्न अस्पतालों में ओपीडी के लिए पहुंचने वाले लोगों की संख्या में बड़ा अंतर दिखाई दिया। वर्ष 2019 में ओपीडी में जांच के लिए सात लाख 96 हजार 359 तो वर्ष 2020 में सिर्फ चार लाख 86 हजार 759 मरीज अस्पताल पहुंचे। इस तरह वर्ष 2020 में तीन लाख नौ हजार 600 लोग कम बीमार पड़े। एसीएमओ डॉ. अविनाश खन्ना ने बताया कि घर से बाहर कम निकलने के कारण लोग कम बीमार हुए।

डेंगू 1284 से घटकर हुआ शून्य

वर्ष, 2019 मेें डेंगू ने विकराल रूप धारण कर लिया था। जिसका असर था कि जिले में कुल 1284 डेंगू संक्रमित पाए गए। जिला मलेरिया अधिकारी बीसी जोशी ने बताया कि इस साल डेंगू का सिर्फ एक मामला दर्ज किया गया जो कि वर्ष 2019 का छूटा हुआ केस था। इसी तरह चिकुनगुनिया के मामले 2019 में चार व चिकनपॉक्स के 11 थे, जो 2020 में शून्य हो गए हैं। खसरा छह से घटकर दो पर आ गया है। वर्ष 2019 और 2020 में बीमार लोगों की संख्या

बीमारी का नाम  -  2019  -    2020

बुखार             -    47453 -  25363

सर्दी, जुकाम      -   54115  -  27992

न्यूमोनिया        -   1442    -   1011

डायरिया          -   10714  -  6930

दस्त                -    1464   -  909

पीलिया          -      757   -   399

मलेरिया           -   1216   -   426 

  

कुत्ते और सांप ने भी कम काटा

वर्ष 2020 में लोगों को कुत्ते और सांप ने भी 2019 के मुकाबले कम संख्या में काटा। जिले के विभिन्न अस्पतालों में पहुंचने वाले मरीजों की संख्या काफी कम हो गई। वर्ष 2019 में 3251 लोगों को कुत्ते ने तो 11 को सांप ने डसा। वर्ष 2020 में कुत्ता काटने के 1372 तो सांप डसने के सिर्फ पांच मामले दर्ज किए गए।

सीएमओ डॉ. देवेंद्र सिंह पंचपाल का कहना है कि वर्ष 2020 में कोरोना महामारी के चलते लोगों ने अपनी जीवनचर्या में कई तरह के बदलाव किए हैं। जिसमें फेस मास्क, शारीरिक दूरी, हैंड सैनिटेशन, भीड़ से बचाव आदि मुख्य हैं। इसके अतिरिक्त खान-पान में भी लोगों ने बड़े स्तर पर परिवर्तन किया है। लोग पौष्टिक व संतुलित खाद्य पदार्थ का सेवन कर रहे हैं। जिससे बीमार होने वाले लोगोें की संख्या में कमी आई है।


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