पिंजरे फंसा तेंदुआ नहीं था आदमखोर, घने जंगल में छाेड़ा गया, ग्रामीणों ने ठीक से जांच न करने का लगाया आरोप
पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग भट्टीगांव में पिंजरे में फंसे तेंदुए को स्वास्थ जांच के बाद घने जंगल में छोड़ दिया गया। उसके आदमखोर होने की वन विभाग ने पुष्टि नहीं की है। प्रभावित क्षेत्र में नजर रखने के लिए वन विभाग ने सीसीटीवी लगा दिए गए हैं।
पिथौरागढ़, जेएनएन : पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग, भट्टीगांव में पिंजरे में फंसे तेंदुए को स्वास्थ जांच के बाद घने जंगल में छोड़ दिया गया। उसके आदमखोर होने की वन विभाग ने पुष्टि नहीं की है। प्रभावित क्षेत्र में नजर रखने के लिए वन विभाग ने सीसीटीवी लगा दिए गए हैं, साथ ही वन विभाग की टीमें लगातार गश्त कर रही हैं।
बेरीनाग में वाले भट्टीगांव में एक सप्ताह पहले तेंदुए ने सात वर्षीय बालिका हिमानी पर हमला कर उसे मार डाला था। इसके बाद वन विभाग ने गांव में दो पिंजरे लगाए थे। रविवार की रात तेंदुए पिंजरे में फंस गया। सोमवार की रात जिला मुख्यालय से पहुंचे पशु चिकित्सकों ने उसका दूर से ही बाहरी निरीक्षण किया और तेंदुआ के स्वस्थ होने की रिपोर्ट वन विभाग को दी।
रिपोर्ट मिलने के बाद वन विभाग की टीम ने मंगलवार की सुबह तेंदुए को प्रभावित क्षेत्र से दूर घने जंगलों में छोड़ दिया। वन विभाग ने तेंदुए के आदमखोर होने की पुष्टि नहीं की है। वन क्षेत्राधिकारी चंदा महरा ने बताया कि भट्टीगांव क्षेत्र में वन कर्मियों की गश्त जारी रहेगी। पकड़े गए तेंदुए के अतिरिक्त किसी अन्य तेंदुए के होने की आशंका को देखते हुए क्षेत्र में सीसीटीवी लगाए गए हैं।
इधर ग्रामीणों ने वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि पकड़े गए तेंदुए के आदमखोर होने की जांच नहीं कराई गई। बिना जांच किए ही उसे जंगल में छोड़ दिया गया है, यदि तेंदुआ आमदखोर हुआ तो क्षेत्र के लोगों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। ग्रामीणों ने भट्टीगांव क्षेत्र की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए जाने की मांग की है।