अटल आयुष्मान योजना में गोलमाल करने के मामले में जनसेवा अस्पताल संचालक पर केस NAINITAL NEWS
अटल आयुष्मान योजना में एक के बाद एक घोटाला खुलकर सामने आ रहा है। इस बार घोटाले में जनसेवा अस्पताल के संचालक की गर्दन फंसी है।
काशीपुर, जेएनएन : अटल आयुष्मान योजना में एक के बाद एक घोटाला खुलकर सामने आ रहा है। इस बार घोटाले में जनसेवा अस्पताल के संचालक की गर्दन फंसी है। अटल आयुष्मान योजना के अधिशासी सहायक धनेश चंद्र की तहरीर पर कोतवाली में डॉ. विशाल हुसैन के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है। इस मामले में पूर्व में अस्पताल पर जुर्माना लगाए जाने के साथ ही उसकी सूचीबद्धता समाप्त करने की कार्यवाही की जा चुकी है।
काशीपुर के मुरादाबाद रोड स्थित जनसेवा अस्पताल ने अटल आयुष्मान के तहत 73 क्लेम प्रस्तुत किए थे। इनमें 58 केस की राशि दो लाख सात हजार अस्पताल द्वारा प्राप्त की गई थी। पांच मामलों में अस्पताल ने अधिक धनराशि क्लेम की थी। जनसेवा अस्पताल काशीपुर की जांच किए जाने के बाद पता चला कि अस्पताल में तैनात एक मात्र चिकित्सक डॉ. विशाल हुसैन 24 घंटे सेवाएं दे रहे थे। जबकि ऐसा असम्भव है कि एक चिकित्सक 24 घंटे किसी अस्पताल में सेवाएं दे सके। इसके साथ ही अस्पताल में 47 मरीज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र केलाखेड़ा से रेफर किए गए। जहां कोई चिकित्सक नहीं है। इस तरह रेफरल का खेल फार्मासिस्ट डॉ. अनुराग रावत के साथ मिलकर खेला गया। डॉ. अनुराग के खिलाफ पहले ही आस्था अस्पताल के मामले में मुकदमा दर्ज हो चुका है। अभिलेखों की जांच में यह पाया गया कि जनसेवा अस्पताल में 31 मरीजों का उपचार केवल दो पैकेज के अंतर्गत किया गया। कुल 73 मामलों में 18 इमरजेंसी केस, जबकि 50 प्लांड केस हैं। 14 केस में प्री-ऑथ अप्रूवल ही नहीं लिया गया। अटल आयुष्मान योजना में हुई इस जांच के बाद अस्पताल की सूचीबद्धता समाप्त करते हुए दोगुना जुर्माना चार लाख 14 हजार लगाया गया है। जबकि पांच मामलों में अस्पताल ने अधिक धनराशि क्लेम की। जिस पर पांच गुना जुर्माना 45 हजार रुपये लगाया गया। अस्पताल को कुल छह लाख 66 हजार रुपये सात दिन के अंदर राज्य स्वास्थ्य योजना अभिकरण को चुकाने का निर्देश दिया गया था। रकम चुकता न करने पर अटल आयुष्मान योजना और राज्य स्वास्थ्य अभिकरण के अधिशासी सहायक धनेश चंद्र ने कोतवाली पुलिस को तहरीर दे दी, जिसमें कहा है कि सिद्दीकी मार्केट स्थित जनसेवा अस्पताल के संचालक डॉ. विशाल ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर दस्तावेजों में हेराफेरी कर सरकार को लाखों रुपये का चूना लगाया है। कहा कि मामले की जांच कराई गई तो चिकित्सक के खिलाफ आरोप सही पाए गए।
पुलिस ने तहरीर के आधार पर जन सेवा अस्पताल संचालक व अन्य के खिलाफ धारा 420, 468, 471 आइपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। कोतवाल चंद्र मोहन ङ्क्षसह ने बताया कि तहरीर के आधार पर मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। आरोपित चिकित्सक द्वारा अवैध क्लेम प्राप्त करने के लिए आपराधिक षड्यंत्र रचा है। मामले की जांच की जा रही है।
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