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पटवाडांगर में जीबी पंत विवि की खाली भूमि पर बनेगा कुमाऊं विवि का नया परिसर, जानिए

जिला मुख्यालय से 11 किमी दूर जीबी पंत विवि के जैव प्रौद्योगिकी संस्थान पटवाडांगर की खाली पड़ी भूमि व भवनों पर कुमाऊं विवि का नया परिसर बनाने की तैयारी है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 26 May 2019 10:51 AM (IST)Updated: Sun, 26 May 2019 10:51 AM (IST)
पटवाडांगर में जीबी पंत विवि की खाली भूमि पर बनेगा कुमाऊं विवि का नया परिसर, जानिए
पटवाडांगर में जीबी पंत विवि की खाली भूमि पर बनेगा कुमाऊं विवि का नया परिसर, जानिए

नैनीताल, किशोर जोशी : जिला मुख्यालय से 11 किमी दूर जीबी पंत विवि के जैव प्रौद्योगिकी संस्थान पटवाडांगर की खाली पड़ी भूमि व भवनों पर कुमाऊं विवि का नया परिसर बनाने की तैयारी है। कुलपति प्रो. केएस राणा ने इसका प्रस्ताव तैयार कर कुलाधिपति, मुख्य सचिव व सचिव उच्च शिक्षा को भेजा है।

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दरअसल, 103 एकड़ क्षेत्रफल में फैले जैव प्रौद्योगिकी संस्थान पटवाडांगर में 2005 से पहले राज्य रक्षालय संस्थान का संचालन होता था। यहां एंटी रैबीज वैक्सीन तैयार होती थी। 2005 में तत्कालीन सीएम एनडी तिवारी ने इस संस्थान को जीबी पंत विवि को सौंप दिया, मगर सरकार व विवि की उपेक्षा से संस्थान वीरान होता रहा। कभी पांच सौ कर्मचारियों वाले इस संस्थान में अब नाम मात्र के कर्मचारी रह गए हैं, जबकि 58 भवनों में अधिकांश जर्जर हाल में हैं। करीब पांच साल पहले भी इस भूमि को कुमाऊं विवि को सौंपने की कवायद हुई थी, तब शासन के आला अधिकारियों ने भूमि का निरीक्षण भी किया, मगर यह पहल फाइलों में गुम हो गई। इधर, पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में फिल्म विकास परिषद के सदस्य सुदर्शन साह ने इस जमीन पर फिल्म सिटी बनाने का प्रस्ताव रखा था।

साह की सूचना का अधिकार के तहत हासिल जानकारी के अनुसार, 2005 के बाद इस संस्थान में वैक्सीन बनाने के लिए करीब 12 करोड़ खर्च किए गए, मगर वैक्सीन नहीं बनी। अब यदि कुमाऊं विवि की कवायद परवान चढ़ी तो खंडहर में तब्दील भवनों की हालत सुधरेगी तो आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के नए आयाम स्थापित होंगे। नैनीताल, अल्मोड़ा व भीमताल के बाद विवि का नया परिसर बन जाएगा। 

प्रोफेशनल कोर्स का होगा संचालन 

कुमाऊं विवि के कुलपति प्रो. केएस राणा के अनुसार, पटवाडांगर में विवि का नया परिसर बनाने का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा गया है। यदि राज्य सरकार ने प्रस्ताव स्वीकार किया तो यहां पर बीएससी ऑनर्स एग्रीकल्चर समेत अन्य प्रोफेशनल कोर्स संचालित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए वह प्रभावी पैरवी कर रहे हैं। कुलसचिव डॉ. महेश कुमार ने प्रस्ताव शासन को भेजने की पुष्टिï की है।

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