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विवि की गलती से फेल हुए छात्र, अब कॉपियों को रीचेक कराने की बजाए कराई जा रही दोबारा परीक्षा

कुमाऊं विश्वविद्यालय की गलती से एमबीपीजी कॉलेज के बीएससी के करीब सौ छात्र दोबारा परीक्षा देंगे। कॉपियों के पुनर्मूल्‍यांकन की बजाए छात्रों पर पुन परीक्षा थोपी जा रही है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 29 Sep 2019 01:00 PM (IST)Updated: Mon, 30 Sep 2019 10:50 AM (IST)
विवि की गलती से फेल हुए छात्र, अब कॉपियों को रीचेक कराने की बजाए कराई जा रही दोबारा परीक्षा

हल्द्वानी, जेएनएन : कुमाऊं विश्वविद्यालय की गलती से एमबीपीजी कॉलेज के बीएससी के करीब सौ छात्र दोबारा परीक्षा देंगे। मूल्यांकन में हुई गलती को सुधारने के बजाय दोबारा परीक्षा कराने के निर्णय से छात्र-छात्राओं में भारी रोष है। जहां विवि का मानना है कि ये परीक्षा फेल छात्रों को पास होने का एक और मौका देगी, वहीं छात्रों का मानना है कि ये परीक्षा किसी दुश्वारी से कम नहीं।  

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एमबीपीजी कॉलेज के बीएससी छठे सेमेस्टर के 90 से अधिक छात्र एक विषय में फेल कर दिए गए थे। छात्रों ने आरटीआइ के तहत जांची गई कापियां मंगाईं, जिसे देखकर उनके होश उड़ गए। कई उत्तर तो जांचे ही नहीं गए थे। वहीं कई सही उत्तरों के बदले नंबर ही नहीं दिए गए थे, मगर विवि ने परीक्षकों पर कार्रवाई के बजाय पुनर्मूल्यांकन कमेटी बना दी, जिसने परेशान छात्रों पर दूसरी समस्या लाद दी। सभी फेल छात्रों की स्पेशल बैक परीक्षा कराने का निर्णय ले लिया गया। छात्रों का कहना है दिन-रात कठिन मेहनत करने के बाद परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन किया था। कॉपियों का पुनर्मूल्यांकन करने के बाद अब फिर से परीक्षा कराने की बात कही जा रही है। छात्रों ने बताया कि विवि ने कहा था कि रिजल्ट आने तक छात्र औसत मेरिट के आधार पर अगली कक्षा में प्रवेश ले सकते हैं, मगर कॉलेज ने एमएससी की दूसरी मेरिट लिस्ट गुपचुप जारी कर दी। अधिकांश सीटें भरी जा चुकी हैं। अब ऐसे में औसत मेरिट के आधार पर प्रवेश मिलना बेहद मुश्किल है। स्पेशल परीक्षा अक्टूबर में होनी है, नवंबर में रिजल्ट आने की उम्मीद है, जबकि दिसंबर में सेमेस्टर परीक्षा होनी है। यदि परीक्षा में पास हो भी गए तो परीक्षा की तैयारी के लिए एक माह का भी समय नहीं मिलेगा। छात्र अमन खान, राकेश बाफिला, गौरव, संजय समेत अन्य छात्रों ने नाराजगी जताई है। इस बारे में वीसी प्रो. केएस राणा ने कहा कि कॉपियों के रीचेक का प्रोविजन नहीं है, जिसके चलते स्पेशल परीक्षा कराने का निर्णय लिया गया। साथ ही कॉलेजों से फेल छात्रों को औसत मेरिट के आधार पर प्रोविजनल एडमिशन देने को कहा गया है। 

छात्रों ने कहा पुनर्मूल्यांकन के बजाय दोबारा परीक्षा थोप रहा विवि

कुमाऊं विश्वविद्यालय की गलती से एमबीपीजी कॉलेज के बीएससी के करीब सौ छात्र दोबारा परीक्षा देंगे। मूल्यांकन में हुई गलती को सुधारने के बजाय दोबारा परीक्षा कराए जाने से छात्र-छात्राओं में भारी रोष है। जहां विवि का मानना है कि ये परीक्षा फेल छात्रों को पास होने का एक और मौका देगी वहीं, छात्रों ने इसे किसी दुश्वारी से कम नहीं बताया। बता दें कि एमबीपीजी कॉलेज के बीएससी छठे सेमेस्टर के 90 से अधिक छात्र एक विषय में फेल कर दिए गए थे। छात्रों ने सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत परीक्षकों द्वारा जांची गई कापिंया मंगाई। जिसे देखकर छात्रों के होश उड़ गए। कई उत्तरों को जांचा ही नहीं गया था तो कई सही उत्तरों के बदले नंबर नहीं दिए गए थे। मगर, विवि ने परीक्षकों पर कार्रवाई के बजाय पुनर्मूल्यांकन कमेटी बना दी। जिसने परेशान छात्रों की समस्या दूर करने के बजाय दूसरी समस्या उनपर लाद दी। सभी फेल छात्रों की स्पेशल बैक परीक्षा कराने का निर्णय ले लिया गया।

आगे की पढ़ाई हो रही प्रभावित 

दैनिक जागरण से अपने विचार साझा करते हुए छात्रों ने बताया कि दिन-रात कठिन मेहनत करने के बाद अच्छे नंबर आने की उम्मीद थी वह भी अब धूमिल हो गई। अब दोबारा से परीक्षा देनी होगी। विवि द्वारा कहा गया था कि स्पेशल परीक्षा का रिजल्ट आने तक औसत मेरिट के आधार पर अगली कक्षा में प्रवेश लिया जा सकेगा। मगर, कॉलेज ने एमएससी की दूसरी मेरिट लिस्ट जारी कर दी। अधिकांश सीटें भरी जा चुकी हैं अब ऐसे में औसत मेरिट के आधार पर प्रवेश मिलना बेहद मुश्किल है। कहा कि, स्पेशल परीक्षा अक्टूबर में होनी है, नवंबर में रिजल्ट आने की उम्मीद है। जबकि दिसंबर में सेमेस्टर परीक्षा होनी है। यदि परीक्षा में पास हो भी गए तो परीक्षा की तैयारी के लिए एक माह का समय भी नहीं मिलेगा। छात्र अमन खान, राकेश बाफिला, गौरव, संजय समेत अन्य छात्रों ने नाराजगी जताई है।


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