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पर्यटन के साथ रोजगार के द्वार खोलेगी कोलीढेक झील, बाधाएं दूर निर्माण शुरू

चंपाचत जिले के कोलीढेक झील का निर्माण कार्य शुरू होने से चम्पावत जिले में पर्यटन विकास के द्वार खुलने की उम्मीद पैदा हो गई है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 30 Aug 2020 02:46 PM (IST)Updated: Sun, 30 Aug 2020 02:46 PM (IST)
पर्यटन के साथ रोजगार के द्वार खोलेगी कोलीढेक झील, बाधाएं दूर निर्माण शुरू
पर्यटन के साथ रोजगार के द्वार खोलेगी कोलीढेक झील, बाधाएं दूर निर्माण शुरू

चम्पावत, जेएनएन : चंपाचत जिले के कोलीढेक झील का निर्माण कार्य शुरू होने से चम्पावत जिले में पर्यटन विकास के द्वार खुलने की उम्मीद पैदा हो गई है। वर्ष 2006 में स्वीकृत यह झील डेढ़ दशक तकतमाम अवरोधों में उलझी रही। भूमि हस्तांतरण न होने और मुआवजे को लेकर ग्रामीणों के विरोध के चलते दो बार झील के लिए आया पैसा वापस चला गया। क्षेत्रीय विधायक पूरन सिंह फत्र्याल के प्रयासों से झील निर्माण में आ रही बाधाएं दूर होने के बाद इसका निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है।

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लोहाघाट नगर से लगे कोलीढ़ेक गांव में लोहावती की सहायक नदी धारासों पर 21.42 करोड़ रुपये की लागत से बन रही झील की क्षमता 6.66 लाख क्यूसेक पानी संग्रहण करने की है। झील की औसत लम्बाई 1.650 मीटर, चौड़ाई 100 मीटर तथा ऊंचाई 20 मीटर है। वर्ष 2006 में कांग्रेस शासन में स्वीकृत झील की डीपीआर वर्ष 2009 में शासन को भेजी गई थी। सीमांकन से लेकर कागजात तैयारकरने 38 लाख रुपया खर्चने के बाद झील निर्माण का मामला ठंडे बस्ते में चला गया।

इस बीच भूमि हस्तांतरण और स्थानीय भू-स्वामियों को मुआवजा देने के मामला भी सुर्खियों में बना रहा। वर्ष 2015 तक झील निर्माण को लेकर क्षेत्रीय जनता ने तमाम आंदोलन किए। दृढ़ इच्छा शक्ति के अभाव में सरकार ने जल भराव क्षेत्र को लेकर तमाम आपत्तियों के निस्तारण करने में लंबा समय लगा दिया। राज्य में कांग्रेस की हरीश रावत सरकार के जाने और भाजपा की त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार आने के बाद लोहाघाट के भाजपा विधायक पूरन सिंह फत्र्याल ने मामले को कई बार विधान सभा में उठाया।

वर्ष 2019 में सरकार ने झील निर्माण को हरी झंडी देते हुए आठ करोड़ रुपये की पहली किश्त जारी कर दी। कार्यदायी संस्था सिंचाई विभाग ने झील निर्माण के पहले फेज का काम शुरू कर दिया है, जिसमें झील की जद में आने वाले पेड़ों का निस्तारण करने के साथ पहाडिय़ों को समतल करने का काम शामिल है। झील बन जाने के बाद लोहाघाट नगर के साथ कोलीढेक, कर्णकरायत, सुईं, फोर्ती आदि ग्रामीण क्षेत्रों की पेयजल समस्या का समाधान होगा। इसके अलावा यहां पर्यटन विकास की संभावनाएं बढ़ जाएंगी।

होटल, टैक्सी व्यवसाय बढऩे से स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा। विधायक पूरन सिंह फत्र्याल ने बताया कि कोलीढेक झील जिले की पहली झील है जिससे लोहाघाट नगर का ही नहीं पूरे जिले का पर्यटन व्यवसाय बढ़ेगा। टीएस मर्तोलिया, एडीएम चम्पावत ने बताया कि कोलीढेक झील निर्माण के लिए शासन से आठ करोड़ रुपये की पहली किश्त मिल गई है। ड्राइंग मैप का कार्य पूरा करने के बाद आस-पास के पेड़ों के निस्तारण एवं पहाड़ों को काटने का काम शुरू कर दिया गया है। सिंचाई विभाग को कार्य में निरंतरता बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं।

प्राईवेट मकान और होटलों के निर्माण में तेजी

झील निर्माण के साथ ही पूरे सर्किल में प्राइवेट मकानों एवं होटलों के निर्माण का काम तेज हो गया है। लोगों को उम्मीद है कि झील बन जाने केबाद क्षेत्र में होटल व्यवसाय तेजी से बढ़ेगा और मकान किराए में लगेंगे। कोलीढेक निवासी प्रेम सिंह, मनोहर सिंह ढेक, नीरज सिंह बिष्ट ने बताया कि उन्होंने पर्यटन विभाग में होम स्टे के लिए आवेदन किया है। झील बनने के बाद यहां आने वाले पर्यटकों को होम स्टे में ठहराया जाएगा।


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