कमलताल का पानी हुआ लाल
फोटो 17 बीटीएल 01,02,03 परिचय कमल ताल का रंग लाल हुआ। - झील के प्रति सिंचाई विभाग क
फोटो 17 बीटीएल 01,02,03
परिचय कमल ताल का रंग लाल हुआ।
- झील के प्रति सिंचाई विभाग की उदासीनता को लेकर क्षेत्रवासियों में रोष
-सिचाई विभाग ने कहा सोमवार को झील के पानी का होगा जांच
जागरण संवाद सहयोगी,भीमताल: नाकुचियाताल से लगे हुए कमलताल के अस्तित्व में एक बार खतरा मंडराने लगा है। उपेक्षा का शिकार हुए कमलताल झील का पानी पूरी तरह लाल हो चुका है। वही सिंचाई विभाग इतने संवदेनशील मामले पर नींद से नहीं जाग रहा।
सिचाई विभाग और नलकूप खंड हल्द्वानी के अन्तर्गत आने वाली झील के प्रति विभाग की उदासीनता को लेकर क्षेत्रवासियों में विभाग के प्रति रोष है। ग्रामीणों के मुताबिक पिछले दो साल से क्षेत्र में सफाई को लेकर बनाई गई समिति द्वारा झील की सफाई आदि की व्यवस्था की जाती रही है। लेकिन इसमें सीमित दायरे में ही झील की सफाई हो पाती है। कमलताल के सफाई के लिए व्यापक स्तर पर सफाई की जरूरत है। समिति के संयोजक अनिल चनौतिया ने सिचाई विभाग और नलकूप खंड हल्द्वानी को झील की वर्तमान स्थिति के लिये उत्तरदायी ठहराया है। ग्रामीणों ने बताया झील के पानी का प्रयोग खेती के लिए भी होता था। झील प्रदूषित होने के कारण खेती के लिए भी इसका पानी नुकसानदेह हो गया है। सरकारी विभाग की उदासीनता के चलते यह झील अस्तित्व खतरे में है।
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कमलताल झील का पानी लाल होने की सूचना आज मिली है। सोमवार को झील का पानी प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा जाएगा। रिपोर्ट आने के बाद आगे झील की सफाई का काम किया जाएगा। पीसी पंथ
सहायक अभियंता सिचाई विभाग
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ऐतिहासिक मान्यता से जुड़ा है यह झील
कमल ताल के किनारे हरिद्वार की भांति और उसी की मान्यता के समान हर की पैड़ी नाम का धार्मिक स्थल है। गौ हत्या का प्रायश्चित इसी धार्मिक स्थल में किया जाता है। कमल ताल में खिलने वाले कमल की तुलना मानसरोवर में खिलने वाले कमल के समान है।