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कैलसा यात्रियों का 17वां दल पहुंचा काठगोदाम, अंदिम दल के दो बजे के आसपास पहुंचने की संभावना

कैलास मानसरोवर यात्रा आखिरी दौर में। पिछले तीन दिनों से गुंजी में फंसा था यात्रियों का दल।

By JagranEdited By: Published: Wed, 26 Sep 2018 12:45 PM (IST)Updated: Wed, 26 Sep 2018 12:45 PM (IST)
कैलसा यात्रियों का 17वां दल पहुंचा काठगोदाम, अंदिम दल के दो बजे के आसपास पहुंचने की संभावना
कैलसा यात्रियों का 17वां दल पहुंचा काठगोदाम, अंदिम दल के दो बजे के आसपास पहुंचने की संभावना

नैनीताल (जेएनएन) : कैलास मानसरोवर यात्रा के अंतिम दो दलों के तीन दिन से गुंजी में फंसे यात्री मौसम के खुलते ही पिथौरागढ़ पहुंचे। वहीं बुधवार सुबह 17वें दल के यात्री काठगोदाम पहुंच गए, जबकि 18वें दल के यात्रियों के एक से दो बजे के बीच पहुंचने के आसार हैं। इसी के साथ ही 2018 कैलास मानसरोवर यात्रा का समापन हो जाएगा।

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इस वर्ष खराब मौसम के चलते यात्रा में कई बार रुकावट आई। पिथौरागढ़ से गुंजी तक हेलीकॉप्टर सेवा ही एकमात्र विकल्प होने के कारण कई दलों को दस-दस दिन तक पिथौरागढ़ और गुंजी में ठहराना पड़ा था। 17वें और 18वें दल के यात्रियों ने कैलास मानसरोवर की परिक्रमा पांच दिन पूर्व पूर्ण कर ली थी। दोनों दलों के 49 यात्री भारत लौटने के बाद गुंजी पड़ाव में थे। तब से मौसम लगातार खराब चल रहा था। तीन दिन में वायु सेना के हेलीकॉप्टरों ने प्रयास किया, लेकिन मध्य से लेकर उच्च हिमालय में मौसम बारिश व बादल रहने से सफल नहीं हो सके। मंगलवार को धूप खिलने से सभी यात्रियों को पिथौरागढ़ लाया गया। वहीं आज सुबह 17वें दल के यात्री काठगोदाम पहुंच चुके हैं, जबिक अंतिम दल के यात्रियों के दो बजे के आसपास पहुंचने की संभावना है। 892 यात्रियों ने की कैलास मानसरोवर की परिक्रमा

पिथौरागढ़ : इस वर्ष कुल 892 यात्रियों ने कैलास मानसरोवर की परिक्रमा की। जिसमें 220 महिला और 672 पुरुष यात्री शामिल रहे। दिल्ली से कुल 906 यात्रियों का पंजीकरण हुआ था, जिसमें 14 यात्री मेडिकल परीक्षण में असफल होने और मार्ग में बीमार पड़ने तथा घरेलू समस्या को लेकर बीच में ही यात्रा छोड़ कर लौटे । पहली बार हेलीकॉप्टर से हुई यात्रा

पिथौरागढ़: कैलास मानसरोवर यात्रा में पहली बार हेलीकॉप्टर की सेवा उपलब्ध कराई गई। कैलास मानसरोवर यात्रा का पैदल मार्ग गर्बाधार से आगे लखनपुर, नजंग से लेकर मालपा तक क्षतिग्रस्त था। पहला दल मार्ग को चलने योग्य बनाए जाने के बाद पैदल गया। मगर, इस दल को पैदल मार्ग में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। बाद में केंद्र सरकार ने वायु सेना के हेलीकॉप्टरों से यात्रियों को पिथौरागढ़ से गुंजी लाने और ले जाने की व्यवस्था की। निगम कर्मी भी लौटे

कैलास मानसरोवर यात्रा के अंतिम दो दलों के लौटते ही केएमवीएन के पड़ाव बंद हो चुके हैं। अंतिम भारतीय पड़ाव नावीढांग, कालापानी, गुंजी पड़ावों पर तैनात निगम कर्मी और अन्य कर्मचारी भी वापस लौट चुके हैं।


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