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Kailas Mansarovar Yatra होगी सुगम और आनंददायक, इस योजनाओं पर हो रहा काम

Kailas Mansarovar Yatra आने वाले दिनों में कैलास मानसरोवर यात्रा न केवल सुगम होगी बल्कि यात्रियों को यात्रा पथ में तमाम नई सुविधाएं भी मिलेंगी। यात्री आकर्षक बगीचों के बीच खूबसूरत नदी घाटी क्षेत्रों को निहारते हुए पहाड़ी भोजन के आनंद के साथ भोले के दरबार तक पहुंच सकेंगे।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 09:02 AM (IST)Updated: Mon, 26 Jul 2021 05:16 PM (IST)
Kailas Mansarovar Yatra होगी सुगम और आनंददायक, इस योजनाओं पर हो रहा काम
Kailas Mansarovar Yatra होगी सुगम और आनंददायक, इस योजनाओं पर हो रहा काम

विजय उप्रेती, पिथौरागढ़ : Kailas Mansarovar Yatra : आने वाले दिनों में कैलास मानसरोवर यात्रा न केवल सुगम होगी, बल्कि यात्रियों को यात्रा पथ में तमाम नई सुविधाएं भी मिलेंगी। यात्री आकर्षक बगीचों के बीच, खूबसूरत नदी घाटी क्षेत्रों को निहारते हुए पहाड़ी भोजन के आनंद के साथ भोले के दरबार तक पहुंच सकेंगे। चीन सीमा तक बनी सड़क इसका आधार बनेगी। यात्रियों को बेहतर सुविधाओं के साथ ही यह सड़क स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी देगी।

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देश की राजधानी दिल्ली से संचालित होने वाली कैलास मानसरोवर यात्रा के लिए यात्रियों को 850 किलोमीटर की यात्रा करनी होती है। यात्रा पूरी करने में एक पखवाड़े का समय अब तक लगता था, लेकिन अब यात्रा में पडऩे वाले भारतीय क्षेत्र के पांच पैदल पड़ाव घट जाएंगे। चीन सीमा तक भारत की सड़क 2020 में तैयार हो चुकी है। यात्री अब धारचूला से एक ही दिन में चीन सीमा तक पहुंच सकेंगे। धारचूला से अंतिम भारतीय सीमा नाभीढांग तक बनी सड़क में दो दर्जन से अधिक डंपिंग जोन बनाए गए हैं। व्यास घाटी क्षेत्र में बने इन डंपिंग जोन में छोटे-छोटे गार्डन बनाए जाएंगे।

उच्च हिमालय में होने वाले विशेष फूल ब्रहम कमल, गुलाब के साथ ही ट्यूलिप के फूलइन गार्डन की शोभा बनेंगे। गार्डन में पहाड़ के परंपरागत शिल्प से सुसज्जित लकड़ी और घास के बने छोटे-छोटे रेस्टोरेंट कैलास मानसरोवर यात्रियों को इस लंबी यात्रा में तरोताजा बनाए रखेंगे। गार्डनों में उच्च हिमालय की औषधीय महत्व की जड़ी बूटी भी लगाई जाएंगी। इससे जड़ी बूटियों का प्रचार-प्रसार देश के कोने-कोने तक होगा। इसका सीधा लाभ यहां के जड़ी बूटी उत्पादक उठाएंगे। डंपिंग जोन में बनने वाले गार्डन और रेस्टोरेंट संचालन का जिम्मा स्थानीय लोगों को मिलेगा। इससे उनकी आजीविका बढ़ेगी।

छोटा कैलास, काली नदी और नेपाल के होंगे दर्शन

कैलास मानसरोवर यात्रा पथ के डंपिंग जोन में विकसित होने वाली यात्री विश्राम स्थलों से यात्री भारत के छोटा कैलास, भारत और नेपाल के बीच सीमा बनाने वाली काली नदी के साथ ही नेपाल को भी देख सकेंगे। ऊंची चोटियों और गहरी घाटियों का यह रोमांच आने वाले दिनों में इस क्षेत्र को पर्यटकों का नया डेस्टिनेशन बनाएगा।

पिथौरागढ़- टनकपुर एनएच पर भी दिखेंगे गार्डन और रेस्टोरेंट

पिथौरागढ़- टनकपुर एनएच को आल वेदर रोड बनाए जाने का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। लगभग 140 किमी. लंबे इस एनएच में 50 से अधिक छोटे-बड़े डंपिंग जोन बने हैं। पर्यटन विभाग के माध्यम से इन डंपिंग जोन में छोटे गार्डन तैयार करने की योजना है। इनमें भी कैलास मानसरोवर यात्रा पथ की तर्ज पर रेस्टोरेंट संचालित किए जाएंगे। एनएच पर दी जाने वाली इन सुविधाओं से यहां आने वाले पर्यटकों का सफर बेहद आसान होगा।

रोजगार के नए अवसर खुलेंगे

पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा ने बताया कि चीन सीमा तक बनी सड़क का सामरिक महत्व तो है ही, यह सड़क अब रोजगार के नए अवसरों के द्वार भी खोलेगी। सड़क किनारे खूबसूरत स्थलों पर पर्यटन योजनाओं के तहत यात्री विश्राम स्थल विकसित किए जाएंगे। इन स्थलों में स्थानीय लोग कारोबार कर सकेंगे। बाहर से आने वाले पर्यटक स्थानीय खान पान, संस्कृति और यहां के उत्पादन की जानकारी भी यहां से ले सकेंगे। इसके लिए प्रयास चल रहे हैं।


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