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दो माह बाद हुए पंचाचूली के दर्शन, कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग तीसरे दिन भी बंद

सोमवार को कुमाऊं में कुछ स्‍थानों पर मौसम खुला तो कहीं-कहीं धूप छांव की अठखेलियां चलती रहीं। पिथौरागढ़ के मुनस्यारी से दो माह बाद बादल छंटने से पंचाचूली के दर्शन हुए।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 20 Aug 2019 06:17 PM (IST)Updated: Tue, 20 Aug 2019 08:24 PM (IST)
दो माह बाद हुए पंचाचूली के दर्शन, कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग तीसरे दिन भी बंद

पिथौरागढ़, जेएनएन : सोमवार को कुमाऊं में कुछ स्‍थानों पर मौसम खुला तो कहीं-कहीं धूप छांव की अठखेलियां चलती रहीं। पिथौरागढ़ के मुनस्यारी से दो माह बाद बादल छंटने से पंचाचूली के दर्शन हुए। वहीं कैलास मानसरोवर यात्रा पैदल मार्ग तीसरे दिन भी बंद रहा। आधे रास्ते से वापस लौटा सत्ररहवां यात्रा दल धारचूला में है तो वापस लौट रहे 14वें दल को गुंजी में ही रोका गया है। लोनिवि की गैंग मार्ग खोलने में जुटी है। जिले के 12 ग्रामीण मार्ग बंद हैं। पिथौरागढ़-अल्मोड़ा-हल्द्वानी मार्ग अल्मोड़ा के मकड़ाऊ में बंद होने से यातायात वाया बाराकोट होते हुए हो रहा है। जबकि डीडीहाट, धारचूला आदि क्षेत्रों से अल्मोड़ा और हल्द्वानी जाने वाले वाहन वाया गणाईगंगोली, सेराघाट से आ जा रहे हैं। 

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टनकपुर से पिथौरागढ़ के बीच बन रही ऑलवेदर रोड पर चलना खतरे से खाली नहीं है। विगत कई दिनों से हो रही झमाझम बारिश से ऑलवेदर रोड पर जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। सबसे ज्यादा खराब स्थिति बस्तिया से धौंन के बीच स्लाइडिंग जोनों पर हैं, जहां निरंतर मलबा गिर रहा है। मलबा कार्यदायी कंपनी लगातार हटा रही है, लेकिन मशीनों के निरंतर चलने से उन स्थानों पर गड्ढे हो गए हैं। इससे उनमें वाहन फंस रहे हैं। कीचड़ अधिक होने से वाहन रपट रहे हैं। वहीं स्लाइडिंग जोनों से रूक-रूक कर गिर रहे पत्थरों से हर समय जान का खतरा बना हुआ हैं। यही नहीं पहाडिय़ों से लटक रहे पेड़ हादसे के लिए सबब बने हैं। मानसून की बात करें तो मलबा आने से कई बार मार्ग बाधित हो चुका है तो कई बार लोग पत्थर गिरने से चोटिल हो चुके हैं तो कई अधिकारी व आम जनता चोटिल होने से बाल-बाल बच चुके हैं।सोमवार रात्रि मौसम सामान्य रहा। जिलेभर में कुछ स्थानों पर हल्की बूंदाबांदी हुई, परंतु पिथौरागढ़ की लाइफ लाइन मानी जाने वाली पिथौरागढ़-घाट-पनार-अल्मोड़ा मार्ग मकड़ाऊ के पास मार्ग बाधित हो गया। मार्ग दुरुस्त होने में तीन दिन लग सकते हैं। सोमवार सुबह अखबार के वाहन भी दन्या के पास से वाया बाराकोट होते हुए पिथौरागढ़ पहुंचे। कुछ वाहन सेराघाट होते हुए लंबी दूरी तय कर आवाजाही कर रहे हैं। मार्ग बंद होने से जिले में सब्जी, गैस आदि की आपूर्ति बाधित होने के आसार बन गए हैं। धारचूला से मिली जानकारी के अनुसार कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग मालपा में पुल की आधार दीवार ढहने और थक्ती नाले का पुल टूट जाने से तीसरे दिन भी बंद है। इसके चलते यात्रा दलों को रोका गया है। 17वां दल सोमवार की सायं ही मालपा से धारचूला लौट चुका है। जबकि परिक्रमा पूरी कर लौट रहा 14वां दल गुंजी में रोक दिया गया है। दल को मंगलवार को बूंदी आना था। मार्ग बूंदी से नजंग के बीच बंद है। प्रशासन के अनुसार लोनिवि की गैंग मार्ग खोलने में जुटी है। पैंतीस मजदूर मार्ग बनाने में जुटे हैं। दोनों स्थानों पर पुलों का निर्माण होना है। 


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