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पर्यटकों को पसंद आ रही नंधौर अभ्यारण्य में जंगल सफारी, कर रहे बाघ और हिरन का दीदार

देश के कोने-कोने से मां पूर्णागिरि धाम के दर्शन को आ रहे श्रद्धालु तीर्थाटन के साथ ही जंगल सफारी का भी आनंद उठा रहे हैं। कोरोना के बाद नवंबर 2020 में पर्यटकों के लिए अभ्यारण्य खोल दिया गया लेकिन दिसंबर माह से ही यहां पर्यटकों का आना शुरू हो सका।

By Prashant MishraEdited By: Published: Fri, 08 Jan 2021 04:19 PM (IST)Updated: Sat, 09 Jan 2021 09:55 AM (IST)
पर्यटकों को पसंद आ रही नंधौर अभ्यारण्य में जंगल सफारी, कर रहे बाघ और हिरन का दीदार
एक सप्ताह में यहां 100 से अधिक पर्यटक आ चुके हैं।

जागरण संवाददाता, चम्पावत : नए साल की शुरूआत से ही टनकपुर से लगा नंधौर अभ्यारण्य पर्यटकों की पसंद बना हुआ है। एक सप्ताह में यहां 100 से अधिक पर्यटक आ चुके हैं। यह आंकड़ा नवंबर और दिसंबर माह की तुलना में सार्वाधिक है। अभ्यारण्य खुलने के बाद पिछले वर्ष दिसंबर माह में यहां सिर्फ 52 पर्यटक ही पहुंच पाए थे, जबकि नए साल के शुरूआती हफ्ते में ही 48 पर्यटक आ चुके हैं। यहां आने वाले पर्यटक जंगल सफारी के साथ वन्य जीवों का दीदार कर रहे हैं। सबसे अधिक पर्यटक यूपी के विभिन्न जिलों से आ रहे हैं। दिल्ली और लखनऊ से भी 20 पर्यटक इस हफ्ते अभ्यारण्य की सैर कर चुके हैं।

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जिम कार्बेट पार्क की तर्ज पर नंधौर वन्यजीव अभ्यारण की स्थापना वर्ष 2012 में हुई, लेकिन तीन साल पूर्व क्षेत्रीय विधायक कैलाश गहतोड़ी की पहल पर तत्कालीन डीएफओ डा. चंद्रशेखर सनवाल ने दिसंबर 2017 में अभ्यारण के टनकपुर गेट से जंगल सफारी शुरू करवाई। अभ्यारण्य को पर्यटकों के लिए खोले जाने के बाद से यहां उत्तराखंड और देश के अन्य राज्यों से सैलानी आते रहे हैं। वन विभाग द्वारा बुनियादी सुविधाएं विकसित करने के बाद से यहां पर्यटकों का आकर्षण भी बढ़ रहा है। देश के कोने-कोने से मां पूर्णागिरि धाम के दर्शन को आ रहे श्रद्धालु तीर्थाटन के साथ ही जंगल सफारी का भी आनंद उठा रहे हैं। कोरोना संक्रमण के कारण गत वर्ष नवंबर से जनवरी तक 62 पर्यटक पहुंचे लेकिन फरवरी से लॉकडाउन लगने के बाद आवाजाही बंद हो गई।

नवंबर 2020 में पर्यटकों के लिए अभ्यारण्य खोल दिया गया लेकिन दिसंबर माह से ही यहां पर्यटकों का आना शुरू हो सका। थर्टी फस्र्ट के दिन एक साथ 30 से अधिक पर्यटक यहां आए। तब से लेकर जनवरी पहले सप्ताह तक 100 से अधिक पर्यटक यहां आ चुके हैं। नेचर गाइड सौरभ कलखुडिय़ा ने बताया कि गत वर्ष दिसंबर माह मेें 52 और इस वर्ष पहली जनवरी से सात जनवरी तक 48 पर्यटक यहां आ चुके हैं। दो दिन पूर्व दिल्ली से आए 10 पर्यटकों के दल ने जंगल सफारी का आनंद उठाया। नेचर गाइड और वन विभाग द्वारा पर्यटकों से प्रशासन द्वारा जारी कोरोना गाइड लाइन का पालन करवाया जा रहा है।

बाघ और कुलाचें मारते हिरण आकर्षण का केंद्र

नंधौर वन्यजीव अभ्यारण के टनकपुर गेट से जंगल सफारी करने वाले पर्यटकों को कुलाचें मारते हिरनों के झुंड और बाघ, तेंदुए अपनी ओर सबसे अधिक आकर्षित करते हैं। इसके अलावा हाथी, वन बिलाव, लोमड़ी, धारीदार लकडबग्घा, भालू, बिज्जू, उद बिलाव,  सुअर, सेही, काकड़, सांभर, बारहसिंगा के साथ रंग-बिरंगी चिडिय़ा देखने को तो मिलती ही हैं कभी कभार शेर के दीदार भी हो जाते हैं।

साइबेरियन पक्षी भी पहुंचे अभ्यारण्य

नेचर गाइड सौरभ कलखुडिय़ा ने बताया कि गर्मी में पयालन कर गई रंग-बिरंगी दुर्लभ पक्षी अब अभ्यारण्य में वापस लौट आए हैं। इसके अलावा साइबेरियन अतिथि पक्षी भी यहां आ चुके हैं। उन्होंने बताया कि पर्यटक वन विभाग के सेनापानी स्थिति अतिथि विश्राम गृह में कुमाऊंनी व्यंजनों का स्वाद लेते हैं। शारदा रेंज के रेंजर महेश सिंह बिष्‍ट ने बताया‍ कि नंधौर वन्य जीव अभ्यारण्य पर्यटकों के लिए पूरी तरह खोला जा चुका है। इन दिनों यहां बड़ी संख्या में पर्यटक आ रहे हैं। पर्यटकों की सुविधा के लिए रास्तों की मरम्मत करने के साथ अन्य जरूरी सुविधाएं विकसित की गई हैं।


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