शौका समाज को जानने की लोगों में बढ़ी उत्सुकता, इस बार और भव्य होगा जोहार महोत्सव
नवंबर में प्रस्तावित जोहार महोत्सव के लिए जोहार सांस्कृतिक एवं वेलफेयर सोसायटी ने शुरू की तैयारी। केबल टीवी पर होगा प्रसारण। सीमांत क्षेत्र के खानपान को दिया जाएगा बढ़ावा।
नैनीताल (जेएनएन) : शौका समाज की कला और संस्कृति को जानने समझने की उत्सुकता लोगों में बढ़ने लगी है। इसका अंदाजा पिछले साल जोहार महोत्सव में उमड़ी लोगों की भीड़ को देखकर लगाया जा सकता है। समाज की कला व संस्कृति को अधिक से अधिक लोगों को रूबरू कराने के लिए इस बार जोहार महोत्सव को और भव्य बनाने के लिए आयोजन को और वृहद स्तर पर किया जाएगा। इसी को ध्यान में रखते हुए इस बार आयोजन स्थल के लिए एमबी इंटर कॉलेज के मैदान को चुना गया है, जिससे लोगों की भीड़ पहुंचने में कोई असुविधा न हो।
हर साल आयोजित किए जाने वाले जोहार महोत्सव को लेकर तैयारी शुरू हो गई है। इस साल यह महोत्सव 10 व 11 नवंबर को होगा। लोगों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए आयोजन स्थल में भी तब्दीली की गई है। इसके साथ ही सीमांत क्षेत्र के खाद्य पदार्थों के अलावा ऊनी वस्त्र से लेकर जड़ी-बूटी तक के स्टाल महोत्सव में लगाए जाएंगे।
जोहार सांस्कृतिक एवं वेलफेयर सोसायटी के सांस्कृतिक सचिव नवीन टोलिया ने बताया कि महोत्सव को इस साल और वृहद रूप दिया जाएगा। समिति के पदाधिकारियों की पहली बैठक हो चुकी है। जोहार संस्कृति का प्रचार केवल शौका समाज तक ही समिति न रखकर इसे हर समाज तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। पिछले साल तक महोत्सव भोटियापड़ाव स्थित शिव सुंदरम बैंक्वेट हाल परिसर में होता था। महोत्सव में भीड़ बढऩे के साथ ही दर्शकों व स्टाल के लिए जगह कम हो रही है। इसे देखते हुए इस साल महोत्सव को एमबी इंटर कॉलेज के ग्राउंड में कराने का निर्णय लिया गया है।
सीमांत क्षेत्र की वस्तुओं को दिया जाएगा बढ़ावा
सीमांत के खाद्य पदार्थों, जड़ी-बूटी व ऊनी वस्त्रों के स्टाल बढ़ाए जाएंगे। साथ ही स्थानीय केबल टीवी पर सीधा प्रसारण कराने के लिए ऑपरेटरों से संपर्क किया जाएगा। महोत्सव में जोहार की संस्कृति पर आधारित सांस्कृतिक कलाकारों के प्रोग्राम के साथ ही स्टार नाइट का आयोजन होगा।
बैठक में ये रहे मौजूद
सोसायटी के संरक्षक गजेंद्र सिंह पांगती की अध्यक्षता में हुई बैठक में समिति के अध्यक्ष देवेंद्र सिंह धर्मसत्तू, महासचिव भूपेंद्र सिंह पांगती, धु्रव सिंह मर्तोलिया, कैलाश सिंह धर्मसत्तू, डॉ. प्रह्लाद सिंह मर्तोलिया व भूपाल सिंह मर्तोलिया आदि मौजूद थे।