हल्द्वानी बवाल के पीछे आइटीआइ गैंग, खाना खाकर पैसे न देना और पूरे शहर में मारपीट करना है इनका शगल
आइटीआइ गैंग के 10 मुखिया हैं हर मुखिया के साथ 10-12 युवा जुड़े हुए हैं। किसी से भी मारपीट करना इनके लिए कोई बड़ी बात नहीं है। होटल ढाबों के खाना खाकर रुपये नहीं दिए जाते हैं। मांगने पर रुपये के बदले पिटाई की जाती है।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी: हनुमान चालीसा पढ़कर लौट रहे बजरंग दल कार्यकर्ताओं की पिटाई व पथराव के मामले में नया मोड़ आ गया है। असल में जिस आरोपितों को मुस्लिम समझकर क्षेत्र में बवाल हुआ वह आइटीआइ गैंग के सदस्य निकले। मामला इसलिए मुस्लिमों से जुड़ गया कि जब विवाद हुआ तभी आइटीआइ गैंग ने बवाल किया था। सीसीटीवी कैमरों में आइटीआइ गैंग के सदस्य कैद हुए हैं।
एसएसपी पंकज भट्ट के मुताबिक शनिवार को आइटीआइ गैंग के तीन सदस्य शीशमहल शिव मंदिर के पास गए थे। जहां उनका बजरंग दल कार्यकर्ताओं से विवाद हो गया था। तब देख लेने की धमकी देकर आइटीआइ गैंग के सदस्य चले गए थे। देर शाम बजरंग दल कार्यकर्ता हनुमान चालीसा पढ़कर एक दुकान पर गए थे। वहीं मुस्लिम समुदाय के तीन युवक भी पहुंच गए। धर्म को लेकर दोनों पक्षों के बीच कहासुनी हुई थी।
एसएसपी के मुताबिक इसी बीच आइटीआइ गैंग के 25-30 सदस्य बाइकों से मौके पर पहुंचे और बजरंग दल कार्यकर्ताओं को पीटना शुरू कर दिया। हंगामा मचने पर लोग इकट्ठा हुए तो आरोपितों ने पथराव कर दिया और फरार हो गए। वारदात के कुछ घंटे बाद ही पुलिस ने 10 मुस्लिमों को गिरफ्तार कर गंभीर धाराओं में मुकदमा भी कर लिया था।
एसएसपी पंकज भट्ट ने बताया कि सोमवार को सीसीटीवी कैमरों को खंगाला गया तो उसमें आइटीआइ गैंग के सदस्य पिटाई व पथराव करते हुए दिखे। पुलिस ने आरोपितों को चिन्हित कर गिरफ्तारी शुरू कर दी है।
घर में घुसकर बवाल कर चुका है गैंग
26 अगस्त 2021 को तीनपास रोड के पास मामूली कहासुनी में आइटीआइ गैंग ने बवाल किया था। घर में घुसकर तोडफ़ोड़ व पारिवारिक सदस्यों पर जानलेवा हमला हुआ। इस मामले में करायल करायल चतुर सिंह निवासी हरक सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बाद पुलिस ने एबीवीपी के एक पदाधिकारी समेत 10-12 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जेल से बाहर आने के बाद आरोपितों ने फिर माहौल खराब करना शुरू कर दिया था।
राजनीतिक संरक्षण में पल रहा आइटीआइ गैंग
आइटीआइ गैंग की दहशत पूरे हल्द्वानी में है। इस गैंग के 10 मुखिया हैं तथा हर एक मुखिया के साथ 10-12 युवा जुड़े हुए हैं। किसी से भी मारपीट करना इनके लिए कोई बड़ी बात नहीं है। खुद एसएसपी मान रहे हैं कि जब भी किसी एक ही लड़ाई होती है तो पूरा 30 युवकों का गैंग मारपीट के लिए पहुंच जाता है। गैंग के सताए लोगों का कहना है कि इन्हें राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। इसलिए कोई इनसे लडऩा नहीं चाहता।
आधी रात को रामपुर रोड में दिखती है गुंडई
पुलिस के मुताबिक गैंग के अधिकाश सदस्य रामपुर रोड व आसपास के इलाकों में रहने वाले हैं। आधी रात को तेज बाइक व कार भगाना इनकी आदत है। होटल, ढाबों के खाना खाकर रुपये नहीं दिए जाते हैं। मांगने पर रुपये के बदले पिटाई की जाती है।
दुकानदार से लेकर आम लोग इनकी गुडंई से परेशान हैं। इतना ही नहीं आरोपित महिलाओं व युवतियों से अभद्रता कर चुके हैं। हैरानी की बात यह है कि इस गैंग में कई नाबालिग शामिल हैं।
पहले दिन दबाव, दूसरे दिन तफ्तीश
मामला दो समुदायों से जुड़ा था। इसलिए पुलिस हकीकत जानना चाहती थी। मगर हिंदूवादी संगठनों की महापंचायत के बाद पुलिस दबाव में आ गई थी। इसके बाद पुलिस ने तफ्तीश शुरू की। जिसमें बाद आइटीआइ गैंग का नाम सामने आया।