मंत्र साधना के लिए उल्लू की बलि देना शास्त्र सम्मत नहीं, पक्षियों को मारना सनातन धर्म के खिलाफ : डा. नवीन चंद्र जोशी
डा. जोशी ने बताया कि शास्त्र पोषण का समर्थन करते हैं। हमारे शास्त्रों में प्रकृति से लेकर जीवों को संरक्षित करने की बात होती है। भगवान श्रीकृष्ण ने प्रकृति व जीवों को संरक्षित करने का संदेश देने के लिए गोवर्धन पर्वत को अंगुली पर उठा लिया था।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : दीपावली में मंत्र साधना के नाम पर देवी लक्ष्मी को खुश करने के लिए उल्लू की बली देने के मामले सामने आते हैं। दीपावली आने से पहले उल्लू के साथ तस्करों के पकड़े जाने के प्रकरण भी सामने आते रहे हैं। श्री महादेव गिरि संस्कृत महाविद्यालय हल्द्वानी के प्राचार्य डा. नवीन चंद्र जोशी उल्लू की बली देने को शास्त्रों के विपरीत बताते हैं। पक्षी की बलि देने जैसी किसी परंपरा का सनातन धर्म समर्थन नहीं करता है।
प्रकृति व जीवों के संरक्षण की प्रेरणा देते हैं शास्त्र
डा. जोशी ने बताया कि शास्त्र पोषण का समर्थन करते हैं। हमारे शास्त्रों में प्रकृति से लेकर जीवों को संरक्षित करने की बात होती है। भगवान श्रीकृष्ण ने प्रकृति व जीवों को संरक्षित करने का संदेश देने के लिए गोवर्धन पर्वत को अंगुली पर उठा लिया था। दीपावली में भी महालक्ष्मी को संतरा, ईख, धान आदि अर्पित किया जाता है। देवी भाव से प्रसन्न होने वाली हैं। श्रद्धाभाव व सामथ्र्य के अनुसार अर्पित सामग्री से देवी आशीर्वाद प्रदान करती हैं। मंत्र साधना के नाम पर पक्षी की बली देना हत्या के समान है।
शुक्रवार को होगा गोवर्धन पूजन
दीपावली के अगले दिन शुक्रवार को भगवान गोवर्धन का पूजन होगा। गाय के गोबर से घरों व मंदिरों में गोवर्धन पर्वत बनाकर पूजन किया जाएगा। पकवान बनाकर भोग लगाया जाता है। ज्योतिषाचार्य डा. नवीन जोशी ने बताया कि गोवर्धन पूजा पर गायों का पूजन कर उन्हें पकवान खिलाने चाहिए। द्वापर में द्वापर में भगवान ने गोवंश व पेड़-पर्वतों को पूजकर दर्शाया कि बिना पर्वतों व पशुओं के हमारा जीवन सुरक्षित नहीं हो सकता। गो, पर्वतों को संवारे बिना पर्यावरण संरक्षण संभव नहीं है।
गोवर्धन पूजा का मुहूर्त सुबह 8:30 बजे से दोपहर 12 बजे तक रहेगा। शहर के प्राचीन रामलीला मैदान में भगवान गोवर्धन का पूजन व अन्नकूट का प्रसाद चढ़ाया जाएगा।