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छह साल बाद फिर गरमाया दमुवाढूंगा में मालिकाना हक का मुद्दा, मुखर हुई कांग्रेस

दमुवाढूंगा में मालिकाना हक का मामला छह साल बाद फिर से खड़ा हो गया है। विपक्षी कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर ज्यादा आक्रामक है। पार्टी का कहना है कि हरीश रावत सरकार में आदेश निकाल बंदोबस्ती सर्वेक्षण व अभिलेख जुटाने की प्रक्रिया शुरू की गई थी।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 30 Jun 2021 06:01 AM (IST)Updated: Wed, 30 Jun 2021 06:01 AM (IST)
छह साल बाद फिर गरमाया दमुवाढूंगा में मालिकाना हक का मुद्दा, मुखर हुई कांग्रेस

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : दमुवाढूंगा में मालिकाना हक का मामला छह साल बाद फिर से खड़ा हो गया है। विपक्षी कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर ज्यादा आक्रामक है। पार्टी का कहना है कि हरीश रावत सरकार में आदेश निकाल बंदोबस्ती सर्वेक्षण व अभिलेख जुटाने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। जिसे भाजपा सरकार ने बंद कर दिया। ऐसे में मालिकाना हक की मांग पूरी होना संभव नहीं है। इसके विरोध में आज पूरे इलाके में पदयात्रा निकाल आगे के आंदोलन को लेकर समर्थन मांगने के साथ रणनीति भी बनाई जाएगी।

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2015 में दमुवाढूंगा के लोगों को जमीन का मालिकाना हक देने को लेकर संघर्ष समिति के जरिये लंबा संघर्ष किया गया था। दिसंबर 2016 में कांग्रेस कार्यकाल में जारी अधिसूचना उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि अधिनियम 1950, (उत्तराखंड राज्य में यथा प्रवत) की धारा 3 के खंड 25 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए ग्राम जवाहर ज्योति दमुवाढूंगा को राजस्व ग्राम गठित करने की स्वीकृति दी गई।

अधिसूचना के आधार पर पूरे ग्राम के नक्शे एवं अभिलेख तैयार करने की प्रकिया भी शुरू हुई। ताकि स्थानीय लोगों को भूमि के विनियमितीकरण का अधिकार मिल सके। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया ने कहा कि 13 मई 2020 को अधिसूचना जारी कर भाजपा सरकार ने ग्राम जवाहर ज्योति व दमुवाढूंगा में सर्वेक्षण एवं अभिलेख संक्रियाओं का काम बंद कर लोगों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। सरकार व विरोध व मालिकाना हक की मांग को लेकर आज पदयात्रा निकालने के साथ सभा भी की जाएगी।

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