तीन हजार किसानों पर सिंचाई का संकट
सिंचाई के लिए बनी नहरों के सूखे होने के चलते बेतालघाट क्षेत्र में तीन हजार किसानों की खेती पर संकट मंडरा गया है।
नैनीताल, जेएनएन : सिंचाई के लिए बनी नहरों के सूखे होने के चलते बेतालघाट क्षेत्र में तीन हजार से अधिक किसानों की फसल पर संकट मंडरा गया है। अभी तक यहां पर किसान गेहूं की बुआई नहीं कर सके हैं। यदि हालात यही रहे तो खेत बंजर होने में भी देर नहीं लगेगी। क्षेत्र में सिंचाई के लिए बनी नहर का पानी नहीं मिल पाने के कारण यह हालात पैदा हुए हैं। गुरुवार को देवभूमि क्रांतिकारी मोर्चा के अध्यक्ष केएल आर्य, राजेश कुमार, मोहन सिंह बिष्ट, किशन, भुवन राम आदि द्वारा आयुक्त को ज्ञापन भेजा गया। उन्होंने कहा कि बेतालघाट के रतौड़ा, तिवारीगांव, ऊंचाकोट के तल्ला कोट, तल्ली व मल्ली पाली, जोशी खोला, घंघरेटी, घिरौली आदि क्षेत्र के परिवारों का कृषि आजीविका का मुख्य साधन है। आरोप लगाया कि क्रशर मशीन लगने से सिंचाई नहर का पानी किसानों को नहीं मिल रहा है। मोर्चा ने चेताया कि यदि एक पखवाड़े में नहरों में पानी नहीं खोला गया तो डीएम कार्यालय में धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।
लाखों की बनी नहर किसी काम की नहीं
बेतालघाट के जिला पंचायत सदस्य पीसी गोरखा का कहना है कि लाखों की लागत से बनी सिंचाई नहरों के बाद भी काश्तकारों के खेतों में पानी की एक बूंद नहीं है। यह नहरें किसी काम नहीं आ रही हैं। नहरों के लिए छह करोड़ की धनराशि स्वीकृत हुई थी। नाबार्ड से नहरों के जीर्णोद्धार के लिए बजट मिला था, लेकिन विभागीय अधिकारियों ने ठेकेदारों से मिली भगत कर धनराशि ठिकाने लगाने का काम किया है। पूरे ब्लॉक की किसी भी सिंचाई नहर में पानी नहीं चल रहा है। इस संबंध में विधायक संजीव आर्य, डीएम विनोद कुमार सुमन को भी समस्या से अवगत कराया जा चुका है। उन्होंने चेताया कि यदि दस दिन के भीतर नहरों पर पानी नहीं चला तो खुद धरना प्रदर्शन करेंगे। साथ ही मुख्यमंत्री से सिंचाई विभाग के कार्यो की जांच की मांग की है। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता हरीश चंद्र सिंह का कहना है कि नहरों में पानी चल रहा है। अन्य शिकायतों की पूरी संवेदनशीलता के साथ जांच पड़ताल की जाएगी।