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नेपल के पेंशनर्स के लिए खुले अंतरराष्ट्रीय पुल, कोरोना जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम मौजूद

भारत से पेंशन लेने वाले नेपाल के पेंशनर्स के लिए आज से तीन दिन के लिए भारत नेपाल को जोडऩे वाले अंतर्राष्ट्रीय झूला पुल खोल दिए गए। धारचूला और जौलजीबी के खोले गए। जौलजीबी में पुल निर्धारित समय से तीन घंटे बाद खुला।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 01:43 PM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 08:17 PM (IST)
नेपल के पेंशनर्स के लिए खुले अंतरराष्ट्रीय पुल, कोरोना जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम मौजूद

पिथौरागढ़, जेएनएन : दीपावली को देखते हुए भारत और नेपाल सरकार के गृह मंत्रालय ने दोनों देशों को राहत पहुंचाने के लिए भारत और नेपाल के बीच धारचूला और जौलजीबी के मध्य अंतर्राष्ट्रीय झूला पुल तीन दिन के लिए खोले हैं। पहले दिन नेपाल से 328 लोग भारत आए जिसमें 140 पेंशनर्स शामिल थे। भारत से 241 लोग नेपाल गए।

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धारचूला का अंतर्राष्ट्रीय पुल नियत समय पर सुबह नौ बजे खुला। इसी के साथ दोनों देशों की तरफ से लोगों की आवाजाही प्रारंभ हो गई। पुल दिन में दो बजे बंद कर दिया गया । इस दौरान धारचूला पुल पर भारत से 151 लोग नेपाल गए। जिसमें 71 पुरु ष और 80 महिलाएं शामिल थी। इस दौरान नेपाल से 238 लोग भारत आए। जिसमें 140 पेंशनर्स शामिल थे। भारत आए लोगों में 146 पुरु ष और 92 महिलाएं शामिल रही ।  आज पहले दिन एसबीआइ से 17 लाख की पेंाशन का वितरण हुआ।

जौलजीबी पुल निर्धारित समय से लगभग तीन घंटे विलंब दोपहर 12 बजकर पांच मिनट में खुला। पुल पर आने जाने वालों की चिकित्सा जांच के लिए चिकित्सा टीम के विलंब से पहुंचने के कारण पुल देरी से खुला। एसडीएम एके शुक्ला ने बताया कि हाईवे में सड़क चौड़ीकरण कार्य के चलते चिकित्सा टीम विलंब से पहुंची। पुल निर्धारित समय से बंद हुआ। उन्होंने बताया कि जौलजीबी पुल से 85 से 90 के बीच लोग नेपाल से भारत और लगभग इतने ही लोग भारत से नेपाल गए। अभी दो दिन और पुल सुबह नौ बजे से दिन में दो बजे तक खुलेंगे।

पुलों पर चिकित्सा टीम द्वारा आने जाने वालों का चिकित्सा परीक्षण किया। पुलों पर तहसील प्रशासन केअधिकारी, एसएसबी के अधिकारी और जवान, पुलिस के जवान व चिकित्सा टीम तैनात रही। पेंशन के लिए पुल खोले जाने से नेपाली पेंशनर्स काफी खुश नजर आए। सीमा बंद होने से पेंशनर्स विगत तीन माह से पेंशन नहीं ले पा रहे थे। नेपाल से आए पेंशनर्स के लिए तहसील प्रशासन द्वारा अल्प विश्राम के लिए भी व्यवस्था की गई थी।


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