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kazind-2019 भारत और कजाखिस्तान के सैनिकों का युद्धाभ्यास पिथौरागढ़ में होगा

indo kazakhstan joint military exercise 2019 भारत और कजाखिस्तान के सैनिकों का युद्धाभ्यास तीन अक्टूबर से पिथौरागढ़ के सैन्य क्षेत्र में होगा।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 29 Sep 2019 08:55 AM (IST)Updated: Sun, 29 Sep 2019 08:55 AM (IST)
kazind-2019 भारत और कजाखिस्तान के सैनिकों का युद्धाभ्यास पिथौरागढ़ में होगा
kazind-2019 भारत और कजाखिस्तान के सैनिकों का युद्धाभ्यास पिथौरागढ़ में होगा

पिथौरागढ़, जेएनएन : indo kazakhstan joint military exercise 2019 भारत और कजाखिस्तान के सैनिकों का युद्धाभ्यास तीन अक्टूबर से पिथौरागढ़ के सैन्य क्षेत्र में होगा। इस अभ्यास में दोनों देशों के सौ-सौ जवान प्रतिभाग करेंगे। काजिंद kazind-2019 नाम से चलने वाले इस युद्धाभ्यास में पहाड़ी क्षेत्रों में आतंकवाद से निपटने के लिए अभ्यास किया जाएगा।

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सेना से मिली जानकारी के अनुसार काजिंद अभियान तीन से 15 अक्टूबर तक चलेगा। इस दौरान दोनों देशों के जवान संयुक्त रू प से एक दूसरे के अनुभव साझा करेंगे और दोनों देशों में आतंकवाद से निपटने के लिए अभ्यास करेंगे। इस युद्धाभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों की सेना के बीच आपसी सामंजस्य बनाते हुए ग्लोबल आतंकवाद से निपटने की रणनीति तय करना है। विशेषकर पर्वतीय क्षेत्रों में आतंकियों से निपटने के गुर जवान सीखेंगे। इस युद्धाभ्यास में दोनों देश की सेना आतंक एवं अलगाव निरोधी गतिविधियों के अनुभव साझा करेंगी। 

युद्धाभ्यास से संबंधित मुख्य बातें

• काजिंद-2019 एक वार्षिक अभ्यास है। यह युद्धाभ्यास लगातार चौथी बार आयोजित किया जा रहा है। यह अभ्यास प्रत्येक साल क्रमशः कजाखिस्तान तथा भारत में आयोजित किया जाता है।

• इस युद्धाभ्यास का उद्देश्य पहाड़ी क्षेत्रों में आतंक निरोधी संयुक्त अभ्यास का संचालन करना है। युद्धाभ्यास के लिए वैश्विक आतंकवाद की उभरती प्रवृत्तियों को भी शामिल किया गया है।

• इस युद्धाभ्यास का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद की कार्रवाई में एक दूसरे की परिचालन प्रक्रियाओं के साथ दोनों दलों को परिचित करना है।

• इस संयुक्त सैन्य अभ्यास से दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों विशेषकर रक्षा सहयोग को बहुत ही मजबूती मिलेगी।

• इस संयुक्त सैन्याभ्यास की शुरुआत भारत-कजाखिस्तान के बीच साल 2016 में हुई थी यह संयुक्त सैन्याभ्यास पहले हिमाचल प्रदेश में किया गया था।

• कजाखिस्तान भी इस्लामी चरमपंथियों के आतंक से बहुत परेशान है। इसलिये आतंकी गतिविधियों से निपटने में दोनों देशों के बीच सहयोग की काफी महत्वपूर्ण है।

भारत-कजाखिस्तान का संबंध

भारत तथा कजाखिस्तान के बीच संबंध पुराने एवं ऐतिहासिक हैं जो 2500 साल पहले से चले आ रहे हैं। भारत और कजाखिस्तान का रक्षा एवं राजनीति के क्षेत्र में सहयोग का लंबा इतिहास रहा है। भारत उन पहले देशों में शामिल है जिसने कजाखिस्तान की स्वतंत्रता को मान्यता दी थी। भारत और कजाखिस्तान के बीच द्विपक्षीय कूटनीतिक संबंध फरवरी 1992 में बने थे। भारत का सबसे बड़ा आर्थिक साझीदार मध्य एशिया में कजाखिस्तान है। कजाखिस्तान से हाल ही में भारत ने असैन्य परमाणु सहयोग को बढ़ाने पर यह दूसरा बड़ा समझौता किया है।एक समझौते के तहत कजाखिस्तान पहले से ही भारत को यूरेनियम की आपूर्ति कर रहा है।


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