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kazind-2019 पिथौरागढ़ में भारत-कजाकिस्तान का संयुक्त सैन्य युद्धाभ्यास शुरू

भारत-कजाकिस्तान सेनाओं का चौथा द्विपक्षीय संयुक्त सैन्याभ्यास काजिंद पिथौरागढ़ के सैन्य क्षेत्र में शुरू हो गया है। उद्घाटन समारोह में दोनों देशों की राष्ट्रधुन के साथ भव्य परेड ह

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 03 Oct 2019 06:03 PM (IST)Updated: Thu, 03 Oct 2019 08:41 PM (IST)
kazind-2019 पिथौरागढ़ में भारत-कजाकिस्तान का संयुक्त सैन्य युद्धाभ्यास शुरू

पिथौरागढ़, जेएनएन : भारत-कजाकिस्तान सेनाओं का चौथा द्विपक्षीय संयुक्त सैन्याभ्यास काजिंद पिथौरागढ़ के सैन्य क्षेत्र में शुरू  हो गया है। उद्घाटन समारोह में दोनों देशों की राष्ट्रधुन के साथ भव्य परेड हुई। 3 से 15 अक्टूबर तक चलने वाले इस संयुक्त सैन्याभ्यास में दोनों देशों की सेनाओं के 120 अधिकारी व जवान विभिन्न सैन्य ऑपरेशनों व आतंकवाद विरोधी जवाबी कार्रवाई के अनुभवों को एक-दूसरे से साझा करेंगे।

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गुरुवार को सेना के मैत्री ग्राउंड में प्रशिक्षण का शुभारंभ मुख्य अतिथि 119 इंफैंट्री ब्रिगेड पिथौरागढ़ के  कंमांडरब्रिगेडियर एसके मंडल ने किया। एक भव्य समारोह के साथ मैत्री द्वार से दोनों देशों के सेनाओं ने परेड  की शुरुआत की। जिसमें दोनों देशों की राष्ट्रधुन के साथ राष्ट्रीय झंडे को फहराया गया। ब्रिगेडियर मंडल ने परेड को सलामी ली। भारत की ओर से कर्नल अजीत बहेरा और कजाकिस्तान की ओर से कै. नईम ने परेड का नेतृत्व किया। इस सैन्याभ्यास में दो राजपूत रेजीमेंट जोशीमठ के 60 जवान प्रतिभाग कर रहे हैं, जिसमें 14 सैन्य अधिकारी शामिल हैं।

वहीं, कजाकिस्तान की ओर से भी 60 जवान प्रतिभाग कर रहे हैं। जिसमें 13 अधिकारी शामिल हैं। उद्घाटन समारोह के दौरान दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों ने विजिटर्स बुक में अपने अनुभव लिखे। पहले दिन कजाकिस्तान की सेना को भारतीय सेना के हथियारों, युद्ध में प्रयुक्त होने वाले हथियारों आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। दूसरे दिन दोनों देशों की सेनाओं के जवान पहाड़ चढऩा, फायरिंग आदि का अभ्यास करेंगे। 

2016 से हुई काजिंद युद्धाभ्यास की शुरुआत

भारत व कजाकिस्तान के मध्य आयोजित होने वाले काजिंद वार्षिक युद्धाभ्यास की शुरुआत वर्ष 2016 से हुई थी। दोनों देशों के मध्य यह चौथा संयुक्त सैन्याभ्यास है। वर्ष 2016 में भारत में पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश और वर्ष 2017 व 2018 में कजाकिस्तान में युद्धाभ्यास आयोजित किया गया था। 

प्रशिक्षण का प्रमुख उद्देश्य 

इस संयुक्त युद्धाभ्यास का उद्देश्य पहाड़ी इलाकों व जंगलों में आपातकालीन परिस्थितियों व आतंकवाद विरोधी ऑपरेशनों के संचालन में एक-दूसरे को परिचित कराना है। साथ ही कंपनी स्तर के संयुक्त प्रशिक्षण का संचालन करना है। युद्धाभ्यास में वैश्विक आतंकवाद की उभरती प्रवृत्तियों को भी शामिल किया गया है। इस सैन्याभ्यास से दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों विशेषकर रक्षा सहयोग में बहुत ही मजबूती प्रदान होगी। 

पिथौरागढ़ में पहली बार हो रहा दोनों देशों के मध्य युद्धाभ्यास

कजाकिस्तान व भारतीय सेना के मध्य पहली बार सीमांत जिले पिथौरागढ़ में युद्धाभ्यास आयोजित किया जा रहा है। इससे पूर्व यहां भारत व नेपाल के मध्य ऑपरेशन सूर्यकिरण के नाम से युद्धाभ्यास आयोजित हो चुका है।


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