उत्तराखंड में पांच नए सीएनजी स्टेशन बनाएगा इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन NAINITAL NEWS
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आइओसी) स्वच्छ ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड में पांच नए सीएनजी स्टेशन स्थापित करने की योजना बना रहा है।
हल्द्वानी, जेएनएन : इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आइओसी) स्वच्छ ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड में पांच नए सीएनजी स्टेशन स्थापित करने की योजना बना रहा है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में आइओसी राज्य के रिटेल नेटवर्क की वृद्धि करने के लिए 40 करोड़ रुपये निवेश करेगा। साथ ही सितारगंज में 160 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया जा रहा एलपीजी बॉटलिंग प्लांट 2020 तक बनकर तैयार हो जाएगा। जिससे उत्तराखंड की बॉटलिंग क्षमता मौजूदा 120 हजार मीट्रिक टन से 50 प्रतिशत बढ़कर 180 हजार मीट्रिक टन हो जाएगी। इसके साथ ही आइओसी राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में 12 नए एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटरशिप स्थापित करेगा।
मंगलवार को रामपुर रोड स्थित एक होटल में आयोजित प्रेस वार्ता में आइओसी के कार्यकारी निदेशक (यूपी-उत्तराखंड) विनय कुमार मिश्र ने उत्तराखंड में कॉरपोरेशन की नई परियोजनाओं और निवेश की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इंडियन ऑयल ने वित्तीय वर्ष 2018-19 में सरकारी खजाने में 1013 करोड़ का योगदान कर के रूप में दिया है। उत्तराखंड के ग्रामीण इलाकों में प्रत्येक घर में एलपीजी पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत गांवों में शिविर लगाए जाएंगे। अब तक कुल 3,53,723 गैस कनेक्शन जारी किए गए हैं, जिसमें आइओसी के 2.01,371 कनेक्शन हैं। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में पेट्रोल-डीजल के 304 नए आउटलेट खोले जाने हैं, जिसमें से 65 रिटेल आउटलेट की स्वीकृति दे दी गई है। बद्रीनाथ धाम में रिटेल आउटलेट का निर्माण किया जा रहा है, जिससे यहां आने वाले तीर्थयात्रियों को पेट्रोल-डीजल की सुविधा मिल सके। वार्ता के दौरान आइओसी के डीजीएम सेल्स प्रभात कुमार गर्ग, चीफ डिवीजनल सेल्स मैनेजर रिटेल मनोज कुमार जयंत, सेल्स मैनेजर रोहित चौधरी सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
हरित ईंधन को बढ़ावा देंगे
इंडियन ऑयल उत्तराखंड में हरित ईंधन को बढ़ावा देगा। जिसके लिए लालकुआं डिपो में 600 केएल के बायोडीजल टैंक और 70 केएल क्षमता के तीन एथेनॉल टैंक के निर्माण के लिए काम शुरू किया जा रहा है। आइओसी के चीफ जनरल मैनेजर ऑपरेशन जितेंद्र कुमार ने बताया कि इस परियोजना की लागत तकरीबन 2.18 करोड़ रुपये होगी। एथेनॉल टैंकों का उपयोग मोटर स्पिरिट (पेट्रोल) में एथेनॉल सम्मिश्रण के लिए किया जाएगा। वर्तमान में आइओसी के लालकुआं डिपो से आपूर्ति की जाने वाली मोटर स्पिरिट में लगभग 77.4 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रित है्र। जबकि रुड़की टर्मिनल में 1000 केएल क्षमता के दो एथेनॉल टैंक और 1000 केएल क्षमता का एक बायोडीजल टैंक बनाया जा रहा है। आइओसी की इस पहल से किसानों को लाभ होगा। साथ ही प्रदेश में हरित ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
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