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गदगदिया रेंज के जंगल में बाघिन का शव मिलने से मचा हड़कंप

गदगदिया रेंज में बाघिन का शव मिलने से हड़कंप मच गया। सूचना पर डीएफओ समेत अन्य अफसर मौके पर पहुंचे। दो चिकित्सको के पैनलं ने पोस्टर्माटम किया और फिर शव जला दिया गया।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 12 Feb 2019 12:52 AM (IST)Updated: Tue, 12 Feb 2019 06:53 PM (IST)
गदगदिया रेंज के जंगल में बाघिन का शव मिलने से मचा हड़कंप
गदगदिया रेंज के जंगल में बाघिन का शव मिलने से मचा हड़कंप

हल्द्वानी, जेएनएन : तराई केंद्रीय वन प्रभाग की गदगदिया रेंज में बाघिन का शव मिलने से हड़कंप मच गया। सूचना पर डीएफओ समेत अन्य अफसर मौके पर पहुंचे। दो चिकित्सको के पैनलं ने पोस्टर्माटम किया और फिर शव जला दिया गया। सैंपल जांच को भेजे गए हैं। अधिकारियों के मुताबिक रिपोर्ट आने पर मौत की वजह साफ होगी। बाघिन की उम्र करीब दस साल होने का अनुमान लगाया गया है।गदगदिया रेंज की उत्तरी गदगदिया बीट कंपार्ट नंबर 13 (गड़प्पू) में सुबह वनकर्मियों की टीम गश्त कर रही थी। यह एरिया कच्ची सड़क से करीब आठ किमी अंदर जंगल में पड़ता है। इस बीच जमीन में पेड़ों के बीच शव दिखने पर कर्मियों ने तुंरत रेंजर प्रदीप असगोला को सूचना दी। प्रभागीय वनाधिकारी कल्याणी नेगी, एसडीओ नवीन पंत व यूसी तिवारी मौके पर पहुंच गए। रेंजर असगोला ने बताया कि बाघिन के शरीर पर चोट का कोई निशान नहीं मिला। आसपास संघर्ष के निशान भी नहीं हैं। अफसरों की मौजूदगी में चिकित्सक डॉ. राजीव व डॉ. कंचन पांगती ने बाघिन का पोस्टर्माटम किया। सैंपल परीक्षण के लिए आइवीआरआइ बरेली व डब्लूडब्लूआइ देहरादून भेजे गए हैं। एसडीओ नवीन पंत के मुताबिक रिपोर्ट आने पर मौत की वजह साफ होगी।

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जंगल में संघर्ष की उम्र 12-13 साल : फॉरेस्ट अफसरों के मुताबिक जंगल में बाघिन के संघर्ष की औसत उम्र करीब 12-13 साल होती है। जबकि चिडिय़ाघर में 15 साल मानी जाती है। दरअसल, जंगल में भोजन व अन्य चीजों के लिए संघर्ष करना काफी कठिन होता है। संघर्ष को भी आयु का एक मानक माना जाता है।

एसडीओ नवीन पंत ने बताया कि सूचना पर घटनास्थल का निरीक्षण कर बाघिन का पोस्टर्माटम कराया गया। अब रिपोर्ट आने पर मौत की वजह का पता चल सकेगा। शरीर पर किसी तरह का निशान नहीं था।

तिरछाखेत में गुलदार ने तीन बकरियों को बनाया निवाला : भवाली के तिरछाखेत में सोमवार को गुलदार ने खेतों में चर रही बकरियों पर हमला कर तीन को निवाला बना लिया, जबकि एक बकरी घायल हो गई। शाम के समय में ही गुलदार के इस हमले से पूरे क्षेत्र में भय का माहौल है। तल्ला तिरछाखेत में सोमवार को शाम करीब चार बजे भोपाल चंद्र की सात बकरियां घर के पास खेतो में चर रही थी। इतने एक गुलदार ने हमला कर तीन को शिकार बना लिया और दो को उठा ले गया। हमले में एक बकरी घायल हो गई। वन रेंजर मुकुल शर्मा का कहना है कि क्षेत्र में वन विभाग की टीम को गश्त पर भेजा गया है। गरीब परिवार को उचित मुआवजा दिलाने के।लिए वह अपनी ओर से हर संभव प्रयास करेंगे।

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