बस नाम के हाईड्रेंट : प्यास बुझती नहीं, आग कैसे बुझेगी, जानिए क्या है मामला
शहर में अग्निकांड के समय अग्निशमन वाहनों को पानी देने के लिए आठ हाईड्रेंट बने हैं। अक्सर जरूरत के समय ये हाइड्रेंट धोखा दे जाते हैं।
हल्द्वानी, जेएनएन : शहर में अग्निकांड के समय अग्निशमन वाहनों को पानी देने के लिए आठ हाईड्रेंट बने हैं। अक्सर जरूरत के समय ये हाइड्रेंट धोखा दे जाते हैं। इसके पीछे बड़ा कारण हाइड्रेंट का पेयजल लाइनों में बना होना है, जिससे केवल पेयजल सप्लाई के समय ही इनमें पानी रहता है। वहीं लोगों के पानी भरने की वजह से आपूर्ति सुचारू होने के दौरान भी प्रेशर काफी कम होता है। चार दशक पहले हल्द्वानी में शीशमहल स्थित ट्रीटमेंट प्लांट बनने व पेयजल लाइनें बिछाते समय आठ हाईड्रेंट बनाए गए थे। उस समय शहर की आबादी काफी कम होने के साथ अग्निकांड की आशंका भी कम थी, जिस कारण लाइनों में पर्याप्त पानी होने से हाईड्रेंट को इन्हीं में बना दिया गया। वर्तमान में शहर महानगर का रूप ले चुका है। लेकिन अग्निशमन वाहनों को पानी उपलब्ध कराने के लिए न तो हाईड्रेंट बढ़ाए गए और न ही इसके लिए अलग लाइन बिछाई गई। अग्निशमन अफसरों के मुताबिक हाईड्रेंट के लिए अलग लाइन होनी चाहिए, जिसमें हर समय प्रेशर के साथ पानी रहे। सुबह के समय आग लगने पर ही प्रेशर मिल पाता है। कई बार हाईड्रेंट के ऊपर कूड़ा-करकट जमा होने से इन्हें ढूंढना तक मुश्किल हो जाता है।
इन स्थानों पर बने हैं हाईड्रेंट
- नैनीताल रोड पर बैंक ऑफ बड़ौदा के पास
- जगदंबा नगर पानी की टंकी के पास
- बनभूलपुरा में प्राइमरी स्कूल लाइन नंबर 17 के पास
- वर्कशाप लाइन में वन विभाग कार्यालय के पास
- बरेली रोड में धोबी घाट के पास
- रेलवे बाजार
- नैनीताल रोड पर सौरभ होटल के पास
यहां है प्रस्तावित
हल्द्वानी में आवास विकास कॉलोनी, कॉल टेक्स, मंडी गेट, काठगोदाम, हाईडिल गेट, जजी कोर्ट के समीप, डिग्री कॉलेज, महिला डिग्री कॉलेज, सुभाषनगर, दुर्गा सिटी सेंटर, एरोड्रम रोड, तल्ली बमौरी, मल्ला गोरखपुर, सरगम सिनेमा के पास, बेस अस्पताल, कारखाना बाजार, जीजीआइसी, जज फार्म, मुखानी, ऊंचापुल, हीरानगर।
नए हाईड्रेंट का प्रस्ताव लटका, अग्निशमन अफसर ने भेजी रिपोर्ट
अग्निशमन अफसर जगदीश कुमार ने बताया कि शहर की आबादी व विस्तार को देखते हुए स्पेशल लाइन बिछाकर नए हाईड्रेंट की जरूरत है। एक साल पहले 21 नए हाईड्रेंट का प्रस्ताव बनाया गया था। काठगोदाम व लालकुआं में छह हाइड्रेंट बनाने की भी योजना थी। एक साल पहले जलसंस्थान को प्रस्ताव बनाकर भेजा गया, लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं की गई है। वहीं अग्निशमन अफसरों ने पुराने हाईड्रेंट की स्थिति व नए हाइड्रेंट बनाने पर कार्रवाई नहीं होने से अग्निकांड के समय होने वाली दिक्कतों की रिपोर्ट बनाकर मुख्यालय को भेज दी है। वहीं जलसंस्थान के ईई विशाल कुमार ने बताया कि जिले में जहां-जहां हाईडे्रंट लगाए जाने हैं, उनका प्रस्ताव डीएम के माध्यम से शासन को भेजा गया है। बजट आवंटन के बाद कार्यवाही की जाएगी।
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