Move to Jagran APP

दहेज के लिए हत्या करने के मामले में पति समेत सास-ससुर दोषी करार, आज सुनाई जाएगी सजा

तीन साल पहले महिला की मौत के मामले में द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश हल्द्वानी मो. सुल्तान की अदालत ने पति समेत सास-ससुर को दहेज मांगने का दोषी ठहराया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 01 Oct 2019 09:24 AM (IST)Updated: Tue, 01 Oct 2019 09:24 AM (IST)
दहेज के लिए हत्या करने के मामले में पति समेत सास-ससुर दोषी करार, आज सुनाई जाएगी सजा
दहेज के लिए हत्या करने के मामले में पति समेत सास-ससुर दोषी करार, आज सुनाई जाएगी सजा

हल्द्वानी, जेएनएन : तीन साल पहले महिला की मौत के मामले में द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश हल्द्वानी मो. सुल्तान की अदालत ने पति समेत सास-ससुर को दहेज मांगने का दोषी ठहराया है। न्यायालय के आदेश पर तीनों दोषियों को जेल भेज दिया गया है। मंगलवार को न्यायालय सजा सुनाएगी। 

loksabha election banner

बरेली जिले के देवरनिया, बहेड़ी निवासी ऊषा का विवाह 18 अप्रैल 2016 को एचएमटी कॉलोनी रानीबाग निवासी धरमवीर से हुआ था। धरमवीर मुंबई में निजी कंपनी में नौकरी करता था। विवाह के साढ़े पांच साल बाद सात अक्टूबर 2016 की शाम ऊषा की संदिग्ध हालात में ससुराल में मौत हो गई। ससुरालियों ने ऊषा के मायके वालों को फोन कर पंखे में लटककर खुदकशी करने की जानकारी दी। अगले दिन आठ अक्टूबर को चंद्रपाल ने काठगोदाम थाने में बहन ऊषा के पति धरमवीर सिंह, ससुर ढाकन लाल व सास उर्मिला देवी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया। चंद्रपाल का कहना था कि ऊषा को दहेज में तीन लाख रुपये नकद व सामान दिया गया था। एक लाख रुपये बाद में देना तय हुआ था। विवाह के बाद ऊषा का पति धरमवीर मुंबई चला रहा। आरोप था कि एक लाख रुपये दहेज लाने के लिए ससुराली लगातार ऊषा का शारीरिक व मानसिक शोषण करते थे। इस मामले में विवेचना तत्कालीन क्षेत्राधिकारी राजेंद्र सिंह ह्यांकी ने की। 

विवेचक ने ऊषा के पति, सास व ससुर के विरुद्ध न्यायालय में धारा 304बी व 498ए में आरोप पत्र दाखिल किए। ये मामला द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश हल्द्वानी मो. सुल्तान की अदालत में चला। न्यायालय ने धारा 302 व 3/4 दहेज अधिनियम की वैकल्पिक चार्ज भी लगाया। अभियोजन पक्ष की ओर से शासकीय अधिवक्ता घनश्याम पंत व गिरिजा शंकर पांडे ने मजबूत पैरवी करते हुए नौ गवाह पेश किए। अधिवक्ता घनश्याम पंत ने बताया कि सोमवार को न्यायालय ने ऊषा के पति, सास व ससुर को धारा 304ए व 498ए का दोषी ठहराया है, जबकि धारा 302 व 3/4 दहेज अधिनियम में तीनों को दोषमुक्त कर दिया गया है। सोमवार को न्यायालय सजा सुनाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.