कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग पर गिरा विशाल बोल्डर, रास्ता बंद होने के कारण फंसे यात्री
सीमांत में भारी बारिश से कैलास मानसरोवर और थल-मुनस्यारी मार्ग बंद हो गए हैं। कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग पर धारचूला से चार किमी आगे दोबाट के पास विशाल बोल्डर सड़क पर गिरा है।
पिथौरागढ़, जेएनएन : सीमांत में भारी बारिश से कैलास मानसरोवर और थल-मुनस्यारी मार्ग बंद हो गए हैं। कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग पर धारचूला से चार किमी आगे दोबाट के पास विशाल बोल्डर सड़क पर गिरा है। मार्ग के शीघ्र खुलने के आसार नहीं है। व्यास मेले में जाने वाले ग्रामीण वापस लौट चुके हैं। एलागाड़ से लेकर व्यास और दारमा तक के धारचूला आए लोग फंस गए हैं। रांथी ग्राम पंचायत के मल्ला तांथर प्राथमिक विद्यालय का आंगन बह गया है। विद्यालय भवन में जाने का रास्ता नहीं होने से बच्चों को गांव के एक मकान में पढ़ाया गया। 16 घंटे बाद खुला थल-मुनस्यारी मार्ग वनिक और रातापानी के पास मलबा आने से बंद हो गया है। सौ से अधिक वाहन फंस चुके हैं।
शुक्रवार की रात्रि को धारचूला और मुनस्यारी तहसील क्षेत्रों में भारी बारिश हुई। धारचूला में सुबह तक बारिश जारी रही। इस दौरान टनकपुर-तवाघाट हाईवे एवं कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग पर सुबह नौ बजे के आसपास दोबाट के पास भूस्खलन हो गया और एक भारी विशाल बोल्डर सड़क पर गिर गया। इस दौरान यहां से किसी वाहन के नहीं गुजरने से बड़ा हादसा टल गया है, परंतु मार्ग के दो दिन तक खुलने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं।
व्यास महोत्सव में शामिल होने जा रहे लोग लौटे
मार्ग बंद होने से व्यास महोत्सव में गुंजी जा रहे लोग दोबाट से वापस लौट चुके हैं। उच्च हिमालयी दारमा, व्यास, चौदास, तल्ला दारमा, पांगला, गर्बाधार, गाला, जिप्ती क्षेत्र का संपर्क भंग हो चुका है। सुबह खरीदारी के लिए क्षेत्रों से धारचूला बाजार पहुंचे ग्रामीण धारचूला में ही फंस चुके हैं। खेला निवासी कमला धामी ने बताया कि सुबह गांव से तीन दर्जन से अधिक लोग राखी खरीदने धारचूला आए थे अब मार्ग बंद होने से फंस गए हैं। गांव तक पहुंचना मुश्किल हो गया है। सभी लोग सुबह भूखे पेट आए ग्रामीणों को अब दिन में भोजन भी नसीब होना संभव नहीं है।
स्कूल नहीं पहुंच सके छात्र व शिक्षक
ग्राम पंचायत रांथी के तल्ला तांथर राजकीय प्राथमिक विद्यालय भवन का आंगन बह गया। विद्यालय भवन में जाने वाला रास्ता नहीं है। जिसके चलते विद्यालय तक छात्र और शिक्षक नहीं पहुंच सके। जिसे देखते हुए निवर्तमान ग्राम प्रधान लीला धामी और समाज सेवी केशर सिंह धामी ने गांव में ही एक मकान में बच्चों के पढऩे की व्यवस्था की गई है।
कैलास जाने वाले चाहते हैं बढ़ाई जाए यात्रा अवधि
कैलास मानसरोवर यात्रा का 11वां दल परिक्रमा पूरी कर जागेश्वर रवाना हो गया है। पिथौरागढ़ पहुंचे यात्रियों ने अपने यात्रा के अनुभव बताए। कैलास मानसरोवर को ङ्क्षहदुओं का सबसे बड़ा आस्था का केंद्र बताते हुए यात्रावधि को बढ़ाए जाने की जरूरत बताई। शनिवार दोपहर 11वां कैलास मानसरोवर यात्रा दल वापसी में पिथौरागढ़ पहुंचा। केएमवीएन के पर्यटक आवास गृह में यात्रियों ने अपने अनुभव बताए। छठीं बार कैलास मानसरोवर यात्रा करने वाले जोधपुर राजस्थान निवासी राजकिशोर राठी और इंदुबाला राठी ने बताया कि पूर्व में कैलास मानसरोवर यात्रा की अवधि अधिक होती थी। कैलास मानसरोवर की परिक्रमा की अवधि अधिक रहती थी। अब यह अवधि कम कर दी गई है। दोनों ने कहा कि पूर्व की भांति यात्रावधि होनी चाहिए। यात्रा के लाइजन अफसर सुधांशु पंत ने कहा कि यात्रा मार्ग में सुधार हो रहा है। सड़क सुविधाओं का विस्तार हो रहा है। उन्होंने बताया कि चीन में भी दो ङ्क्षहदी भाषी गाइड मिले जिससे दिक्कत नहीं आई। कोलकाता निवासी मीता सिन्हा राय ने कहा कि उन्हें यात्रा मे सांस लेने में दिक्कत हुई पौनी पोट्र्स की मदद से यात्रा की। मेरठ निवासी विष्णु दत्त गौड़ ने कहा कि चीन में यात्रियों की नहीं सुनी जाती है, व्यवहार भी अच्छा नहीं रहता है। चीन के पड़ावों में शौचालय की व्यवस्था अच्छी नहीं है। दल में कुल 54 यात्री हैं। दल दिन का भोजन करने के बाद जागेश्वर रवाना हो गया है। दल ने निगम के प्रबंधक दिनेश गुरु रानी चलाए गए अभियान के तहत हिमालय बचाओ की शपथ लेते हुए पौधरोपण किया।
15वें दल के दो सदस्य लौटे
12वां यात्रा दल तिब्बत में कुग्गू से तकलाकोट रवाना हुआ है। 13वां दल दार्चिन से डेरापुक को जा रहा है। 14वां दल अंतिम भारतीय पड़ाव नावीढांग पहुंच चुका है। 15वां दल बूंदी से गुंजी रवाना हुआ है। इस दल के दो यात्री गोकुल रमिला और रामलाल पांडेय स्वास्थ्य खराब होने से बूंदी से वापस लौट रहे हैं।
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