बागेश्वर के कौसानी और ग्वाड़जेणा में भारी बारिश से मकान ध्वस्त, मलबे से सात सड़कों का यातायात ठप
दो मकान ध्वस्त हो गए हैं। एक परिवार ने पंचायत घर में शरण ली है। जबकि दूसरा परिवार भाई के घर में रह रहा है। वहीं अतिवृष्टि के कारण सात सड़कों पर भारी मात्रा में मलबा आया है
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : जिले में बारिश का दौर जारी है। बीते बुधवार की रातभर बारिश हुई। सुबह देर तक आसामान में बादल छाए रहे। जिसके कारण दो मकान ध्वस्त हो गए हैं। एक परिवार ने पंचायत घर में शरण ली है। जबकि दूसरा परिवार भाई के घर में रह रहा है। वहीं, अतिवृष्टि के कारण सात सड़कों पर भारी मात्रा में मलबा आया है और वह आवागमन के लिए पूरी तरह ठप हो गई हैं।
पहाड़ के लिए हरसाल बारिश दुख लेकर आती है। गरीब और असहाय लोग बेघर हो जाते हैं। पैतृक मकानों में रहने वाले अधिकतर लोग बारिश के होते ही भयभीत हो जाते हैं। इसके अलावा भूस्खलन का खतरा उनके सिर पर मंडराते रहता है। जिला भूकंप और भूस्खलन की दृष्टि से जोन पांच में आता है। जिसके कारण यहां पहाड़ों से बोल्डर, भूस्खलन और मलबा आने का भय बारिश के बाद भी रहता है। अतिवृष्टि से कौसानी निवासी चंदन सिह पुत्र नारायण सिंह का पक्का मकान ध्वस्त हो गया है। परिवार के चार सदस्यों ने उनके भाई नंदन सिंह पुत्र नाराण सिंह के घर में शरण ली है।
ग्वाड़पजेणा निवासी बसंती देवी पत्नी सोहन राम का मकान भी ध्वस्त हो गया है। उनके परिवार के चार सदस्य पंचायत घर में रह रहे हैं। इधर, बारिश के कारण सात सड़कें गुरुवार को भी बंद रही। ग्रामीण सड़कें बंद होने से लगभग सात हजार लोग प्रभावित हो गए हैं। उन्हें जरूरी काम के लिए कई किमी पैदल चलना पड़ रहा है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र में बिजली, पानी आदि का संकट भी पैदा हो गया है। इधर, जिला आपदा अधिकारी शिखा सुयाल ने कहा कि चार सितंबर तक बारिश के आसार बने हुए हैं। मौसम विभाग के अनुसार सभी कंट्रोल रूम 24 घंटे काम कर रहे हैं। जिलाधिकारी ने सड़कों को त्वरित गति से खोलने के निर्देश दिए हैं।