भ्रूण के लिंग परीक्षण की जानकारी देने पर सील होगा अस्पताल
स्वास्थ्य विभाग की ओर से गुरुवार को रानीबाग में कार्यशाला आयोजित की गई। डाक्टरों को बताया गया कि गर्भ मे भ्रूण के लिंग परीक्षण की जानकारी देना या प्राप्त करना गैर जमानती अपराध है। यदि कोई अस्पताल या सेंटर अधिनियम का उल्लंघन करता है तो उसे तत्काल सील होगा।
हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : स्वास्थ्य विभाग की ओर से गुरुवार को रानीबाग में कार्यशाला आयोजित की गई। डाक्टरों को बताया गया कि गर्भ मे भ्रूण के लिंग परीक्षण की जानकारी देना या प्राप्त करना गैर जमानती अपराध है। यदि कोई अस्पताल या सेंटर अधिनियम का उल्लंघन करता है तो उसे तत्काल सील होगा।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत पीसीपीएनडीटी (गर्भधारण एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक-विनियमन तथा दुरुपयोग अधिनियम) पर आधारित कार्यशाला में सीएमओ डा. भागीरथी जोशी ने कहा कि गर्भाधारण पूर्व और प्रसवपूर्व निदान-तकनीक ऐसा अधिनियम है जो कन्या भ्रूण हत्या और गिरते लिंगानुपात को रोकने के लिए लागू किया गया था।
कोई भी प्रयोगशाला, केंद्र या क्लीनिक भ्रूण के लिंग का निर्धारण करने के उद्देश्य से अल्ट्रासोनोग्राफी समेत कोई परीक्षण नहीं कर सकता है। प्रसव पूर्व गर्भाधान लिंग निर्धारण सुविधाओं के लिए नोटिस, परिपत्र, लेबल, रैपर या किसी भी दस्तावेज के रूप में विज्ञापन देने वाले को तीन साल तक की कैद और दस हजार रुपये तक का जुर्माना भुगतना पड़ सकता है।
संचालन करते हुए एसीएमओ डा. रश्मि पंत ने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या करने वालों की जानकारी देने वाले व्यक्ति को दस हजार रुपये का इनाम दिया जाएगा। उसकी सभी जानकारी गोपनीय रखी जाएगी। कार्यशाला में बायोमेडिकल वेस्ट, एमटीपी एक्ट के बारे में भी जानकारी दी गई। इस मौके पर आइएमए के अध्यक्ष डा. राघव पांडे, एफओजीसीआइ के अध्यक्ष डा. आरके खुराना, जिला केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम मदान, वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. गीता जैन, एसीएमओ डा. आरपीएस नेगी, डा. जगदीश जोशी, डा. ऊषा जंगपांगी, ड्रग इंस्पेक्टर मीनाक्षी बिष्ट, मदन मेहरा, अनूप बमोला, सचिन श्रीवास्तव, देवेंद्र बिष्ट, दीवान बिष्ट, सपना जोशी आदि मौजूद रहे।
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